BURHANPUR. बुरहानपुर जिले के नावरा वन परिक्षेत्र के ग्राम घाघरला के जंगल में 11 मार्च, शनिवार सुबह 10 बजे अतिक्रमणकारियों ने पुलिस, वन विभाग के अफसर, जवान और ग्रामीणों पर तीर व गोफन से हमला कर दिया। हमले में एक फॉरेस्ट गार्ड के कंधे, दूसरे के बाएं पुट्ठे व एक ग्रामीण के कमर में तीर धंस गया। गोफन के पत्थर से डीएफओ अनुपम शर्मा, वन प्रहरी के वाहनों के कांच टूट गए।
अचानक फोर्स पर तीर और गोफन के पत्थर बरस पड़े
जंगल के घुसपैठी अतिक्रमणकारियों को खदेड़ने के लिए करीब 800 पुलिस, प्रशासन और वन विभाग पिछले एक माह से तैयारी में जुट हुआ था। पिछले तीन दिन से तीनों विभागों का कुछ फोर्स घाघरला के जंगल में था। सुबह 9.30 बजे पूरा फोर्स कार्रवाई करने निकला था। करीब 10 बजे अचानक फोर्स पर तीर और गोफन के पत्थर बरस पड़े। सभी अफसर, जवान और ग्रामीण जान बचाने की कोशिश में जुट गए।
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हमले के दौरान फॉरेस्ट गार्ड के कंधे में घुसा तीर
इस बीच एक फॉरेस्ट गार्ड विजय चौधरी के बाएं कंधे में तीर लगा। प्रशांत सालबन्दे के कमर के निचले हिस्से में तीर लगा। जबकि ग्रामीण दिलीप धांडे की कमर में तीर लगा। किसी तरह टीम ने अतिक्रमणकारियों को खदेड़ने का प्रयास किया। हालांकि पुलिस और वन विभाग के अफसर कुछ भी कहने से बचते रहे।
घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया
तुरंत टीम के अफसरों और जवानों ने तीर से घायल फारेस्ट गार्ड विजय और ग्रामीण दिलीप को वाहन तक पहुंचाया, जिन्हें पहले स्थानीय नेपानगर के अस्पताल लाए। यहां से उन्हें जिला अस्पताल रैफर कर दिया। एंबुलेंस से घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया।
ग्रामीण की पीठ में साढ़े तीन इंच अंदर घुसा था तीर
सीएमएचओ डॉ. राजेश सिसोदिया की निगरानी में घायलों के कंधे व कमर से तीर निकाला गया। डॉ. मुमताज अंसारी और डॉ. शरद पवार ने आधे घंटे के ऑपरेशन में पहले दिलीप की कमर से तीर निकाला। तीर करीब साढ़े तीन इंच अंदर तक घुसा था। विजय के कंधे से भी तीर निकाल लिया गया। दोनों को जिला अस्पताल के सर्जिकल वार्ड में भर्ती किया है।
रीढ़ की हड्डी में फंसा तीर
ऑपरेशन थियेटर में मौजूद डॉक्टरों के अनुसार ग्रामीण दिलीप के युवा और हड्डी मजबूत होने से तीर पार नहीं निकला। तीर का अगला हिस्सा रीढ़ की हड्डी में फंस गया था।
यह भी हुए घायल
दोपहर में बजे तक नेपानगर के वन रक्षक विजय चौरे, बुरहानपुर वन क्षेत्र के प्रशांत कालपेडे, धुलकोट के कमलेश गोविंद, बुरहानपुर के रितेश बलराम, घनश्याम इंदरसिंह, नावरा के वन रक्षक कुलदीप पाराशर, नेपानगर के अनिल लक्ष्मण, नावरा के दबारसिंह रामलाल, खकनार के वनपाल धनीलाल विक्रमसिंह, नावरा के कमलेश गंगराड़े, मोहम्मद सलमान खान, सावन तायड़े, गौरव सोनी जिला अस्पताल पहुंचे। अधिकांश घायलों के हाथ, पैर सहित शरीर के अन्य हिस्सों पर अंदरूनी छोटे आई हैं। कुछ को भर्ती किया है। जबकि कुछ को प्राथमिक इलाज कर छोड़ दिया।