Bhopal. मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूल की कक्षा 5वीं और 8वीं के छात्रों की वार्षिक परीक्षा का रिजल्ट घोषित किया गया। कक्षा 5वीं का रिजल्ट 90% रहा वहीं 8वीं में 82.35% बच्चे पास हुए। राज्य शिक्षा केंद्र में रिजल्ट घोषित किया गया। इस दौरान स्कूल शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी ने सिंगल क्लिक से घोषित किया कक्षा पांचवी और आठवीं की वार्षिक परीक्षाओं में इस बार भी ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों का दबदबा देखने को मिला।
दोनों ही परीक्षाओं में जबलपुर के बच्चे ए ग्रेड पाने में रहें सफल
कक्षा 5वीं की परीक्षा में 8 लाख 26 हजार 824 परीक्षार्थी शामिल हुए थे जिसमें से 7 लाख 44 हजार 247 विद्यार्थी पास हुए। 5 वीं का परीक्षा परिणाम 90 % रहा। कक्षा 8वीं परीक्षा में 7 लाख 56 हजार 967 विद्यार्थी सम्मिलित हुए थे जिनमें से 6 लाख 23 हजार 370 बच्चे पास हुए हैं। कक्षा आठवीं का रिजल्ट 82.35% रहा शहडोल,चंबल और भोपाल के जिले अव्वल रहे वहीं जबलपुर के बच्चे ऐ ग्रेड पाने में अव्वल आए।वहीं माध्यमिक में इंदौर, शहडोल, नर्मदापुरम में सबसे ज्यादा बच्चे पास हुए हैं। यहां भी जबलपुर के बच्चों ने ए ग्रेड पाने में बाजी मारी।
जारी नहीं हुई टॉपर्स की लिस्ट
12 साल बाद हुई बोर्ड की परिक्षा और 2 साल कोरोना के कारण पढ़ाई नहीं होने के कारण ट़पर्स की सूची जाकी नहीं की गई। स्टूडेंटस को ग्रेडिंग सिस्टम से पास किया गया। रिजल्ट में कोई टॉपर की घोषणा नहीं की गई है। क्योंकि टॉपर्स लिस्ट जारी करने से बच्चों पर मानसिक दबाव बनता है। शिक्षा विभाग ने कहा है कि अभी स्टूडेंट्स ऑनलाइन अपने मार्क्स चेक सकते हैं। वह 20 मई से अपनी मार्कशीट डाउनलोड कर सकेंगे। स्कूल के प्रमुख के हस्ताक्षर के बाद ही यह मान्य होगा। मध्य प्रदेश 5वीं 8वीं रिजल्ट में स्टूडेंट्स को ग्रेड दिए गए है।
सभी बच्चें नहीं हुए पास
12 साल बाद प्रदेश में कक्षा 5वीं और 8वीं का वार्षिक मूल्यांकन, बोर्ड पैटर्न पर किया गया है, जिसमें राज्य स्तर से पेपर बनवाए गए। वार्षिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में कक्षोन्नति, सप्लीमेंट्री मिलने या फेल होने पर उसी कक्षा में रोके जाने के प्रावधान भी किए गए हैं। इसमें राज्य स्तर से परीक्षा प्रश्न पत्रों का निर्माण, नजदीकी स्कूलों में परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण, दूसरे स्कूलों और दूसरे जिलों में कॉपियों का मूल्यांकन के साथ केन्द्रीकृत और ऑनलाइन परिणाम जैसी प्रक्रियाएं अपनाई गई हैं। एमपी 5वीं 8वीं रिजल्ट में खराब प्रदर्शन करने वाले बच्चों को फेल भी किया गया है।बच्चों को कंपार्टमेंट भी आई है। यानी सभी बच्चों को पास नहीं किया गया। परिक्षा में खराब प्रदर्शन करने वाले बच्चों को सपलीमेंट्री परीक्षा देना पड़ेगी।राज्य सरकार ने शिक्षा का अधिकार कानून में किए गए संशोधन के आधार पर इस साल से वार्षिक मूल्यांकन के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट और अनुत्तीर्ण होने पर उसी कक्षा में रोके जाने के प्रावधान किए गए हैं।
लड़कियों ने फिर मारी बाजी
एमपी 5वीं और 8वीं दोनों में लड़कियों का प्रदर्शन लड़कों से बेहतर रहा। 5वीं कक्षा में 89.28 प्रतिशत लड़के पास हुए जबकि 90.71 प्रतिशत लड़कियां पास हुईं। 8वीं में 80.25 प्रतिशत लड़के पास हुए और 84.33 प्रतिशत लड़कियां। एमपी 5वीं कक्षा में 90.20 प्रतिशत ग्रामीण बच्चे पास हुए, जबकि शहरी बच्चों का पास प्रतिशत 87.80 प्रतिशत रहा। वहीं एमपी कक्षा 8वीं में 82.45 प्रतिशत ग्रामीण बच्चे पास हुए, जबकि शहरी बच्चों का पास प्रतिशत 81.62 प्रतिशत रहा।