INDORE. मध्य प्रदेश के विश्वविद्यालयों में कर्मचारियों की हड़ताल ने परीक्षाएं प्रभावित करना शुरू कर दिया हैं। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में कर्मचारियों के काम बंद रखने के चलते परीक्षा से लेकर परिणाम से जुड़े कार्य प्रभावित होने लगे हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्नातक प्रथम वर्ष के कुछ प्रश्न पत्र स्थगित कर दिए हैं। 27 से 31 मई के बीच होने वाले पेपर आगे बढ़ाए गए हैं। 3-3 पेपर बीए-बीकाम और बीएससी प्रथम वर्ष की परीक्षा के हैं। पेपर स्थगित होने से 40 हजार विद्यार्थी प्रभावित हुए हैं। वहीं, माइग्रेशन-ट्रांसक्रिप्ट, डिग्री व डुप्लीकेट मार्कशीट भी अटक गई है। आपको बता दें कि15 दिनों से प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों में कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करने में लगे हैं। बीते सप्ताह से देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में कर्मचारियों ने आधे दिन काम बंद रखा है। 2 जून से कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा चुके हैं।
दूसरे शहरों में पेपर को सेंटर तक पहुंचाना मुश्किल
अधिकारियों के मुताबिक, कर्मचारी हड़ताल पर होने से दूसरे शहरों में पेपर को सेंटर तक पहुंचाना थोड़ा मुश्किल है। इस वजह से पेपरों की तारीख आगे बढ़ाई है। इनका नया टाइम टेबल अगले कुछ दिनों में तैयार कर जारी होगा। वैसे बीए, बीकाम, बीएससी ओल्ड स्कीम परीक्षा में कोई बदलाव नहीं किया है। पूर्व में निर्धारित टाइम टेबल के आधार पर परीक्षा करवाई जाएगी।
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5 जून से होगी बीबीए-बीसीए की परीक्षा
विश्वविद्यालय प्रशासन ने बीबीए-बीसीए छठे सेमेस्टर की परीक्षा का टाइम टेबल घोषित कर दिया है। दोनों पाठ्यक्रम की परीक्षाएं 5 जून से रखी हैं। बीबीए हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन, होटल मैनेजमेंट, फारेन ट्रेड पाठ्यक्रम भी शामिल है। 5 से 16 जून के बीच परीक्षा करवाई जाएगी।
ओल्ड कोर्स की परीक्षा में कोई बदलाव नहीं
विवि प्रबंधन के अनुसार परीक्षा को स्थगित करना इसलिए पड़ रहा है, क्योंकि विश्वविद्यालय को परीक्षा से जुड़ी सामग्री व पेपर और उत्तरपुस्तिकाएं केंद्रों तक पहुंचना होती है। यह काम विश्वविद्यालय में नियमित कर्मचारी को दिया जाता है। दैनिक वेतनभोगी और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को इन कामों में शामिल नहीं करते हैं।
स्टूडेंट्स दस्तावेजों के लिए हो रहे परेशान
विश्वविद्यालय के नालंदा परिसर में बीते दिनों कर्मचारी नेताओं ने सभा रखी। इसमें मांगे नहीं माने जाने को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। इस दौरान विद्यार्थियों को परेशानी उठाना पड़ी, क्योंकि माइग्रेशन, ट्रांसक्रिप्ट और डिग्री नहीं मिली। छात्राएं अधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाने लगी, लेकिन इन्हें दस्तावेज जारी नहीं किए जा सके। इन दिनों विद्यार्थियों को स्नातक-स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रवेश लेना है।