Jabalpur. हाल ही में छत्तीसगढ़ में शराब सिंडिकेट घोटाले की सुर्खियां छाई रहीं, वहीं मध्यप्रदेश के जबलपुर में प्रशासन ने खत्म हो चुके शराब सिंडिकेट के एक बार फिर सर उठाते ही सख्त कार्रवाई की है। दरअसल यहां 10 शराब दुकानों में एमआरपी से भी ज्यादा दाम पर शराब बेचे जाने की शिकायतें मिल रही थीं। जिसके बाद आबकारी विभाग ने नियमविरुद्ध मुनाफाखोरी में लगे दुकान संचालकों के खिलाफ पंचनामा बनाकर नोटिस थमा दिए हैं।
क्वार्टर MRP से ज्यादा, बोतल MSP पर
जबलपुर में शराब सिंडिकेट का अस्तित्व कई साल पुराना है, लंबे समय से यह सिंडिकेट शराब के क्वार्टर जहां एमआरपी से ज्यादा दाम पर मनमाने ढंग से बेचता आया है, वहीं शराब की बोतल कंसेशन रेट के नाम पर एमएसपी से नाम मात्र ज्यादा दाम पर शराबियों को थमा दी जाती है। यदि प्रशासन सख्त रवैया अपनाकर शराब में होने वाली मिलावट पर नकेल कसना शुरू कर दे तो सिंडिकेट की कमर टूट सकती है। लेकिन आबकारी विभाग पर भी इस काम में मिलीभगत के आरोप लगते आए हैं। पक्के शराबियों में भी यह चर्चा आम है कि शराब की बोतल पर जमकर मिलावट जारी है, जबकि क्वार्टर की शराब में मिलावट नहीं होती इसलिए उसे ज्यादा दामों पर बेचा जा रहा है।
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कलेक्टर के आदेश पर हुई कार्रवाई
हालिया कार्रवाई भी कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन के आदेश के बाद होना बताया जा रहा है, इस संबंध में शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर ने आबकारी विभाग को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उधर शराब व्यवसायी हाल ही में सरकार द्वारा बढ़ाई गई रेवेन्यू दर को इसके लिए जिम्मेदार बता रहे हैं। उनका कहना है कि पुराने स्टाक में पुरानी एमआरपी छपी है जबकि नई रेट लिस्ट के हिसाब से बिक्री की जा रही है।
इन दुकानों पर हुई कार्रवाई
आबकारी कंट्रोल रूम की टीम ने शहर की कई दुकानों में पहुंचकर जांच की, आबकारी विभाग द्वारा गणेश चौक, ककर तलैया, मदन महल, मीरगंज, मानेगांव, मोटर स्टैंड, बल्देवबाग, विजय नगर, भानतलैया और घाना स्थित शराब दुकानों की जांच की जांच में इन सभी दुकानों में गड़बड़ी पाई गई, जिस पर लाइसेंसी शराब ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने के नोटिस दिए गए हैं।