भोपाल। प्रदेश में निजी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता (Recognition of private nursing colleges) देने के लिए नियमों में बदलाव करने की तैयारी की जा रही है। नर्सिंग कॉलेजों को नई मान्यता, सीट बढ़ाने या मान्यता रिन्यूअल कराने के लिए एक और मौका देने की तैयारी है। सूत्रों का कहना है कि फाइल कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन निशांत बरबड़े के पास पहुंच गई है। संभावना जताई जा रही हैं कि सोमवार यानी 10 जनवरी को नई तारीखों का ऐलान भी हो जाएगा। जबकि आवेदन की लास्ट डेट 22 दिसंबर थी। यदि सरकार को तारीख आगे बढ़ानी थी तो उसका फैसला 21 या 22 दिसंबर को हो जाता। लेकिन नियम विरुद्ध तरीके से 18 दिन बाद निजी नर्सिंग कॉलेजों को मौका देने की तैयारी की जा रही हैं।
दो बार बढ़ी तारीख: प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने, सीटें बढ़ाने या मान्यता रिन्यूअल करने का काम नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल (Nurses registration council) करता है। शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए सबसे पहले 20 नवंबर 2021 को अधिसूचना जारी की गई थी। निजी कॉलेजों को 22 नवंबर से 1 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन (Nursing cillege registration date extend) करना था। 1 दिसंबर को आवेदन की लास्ट डेट बढ़ा कर 12 दिसंबर कर दी गई। जिसके बाद एक बार फिर नर्सेस रिजस्ट्रेशन कौंसिल ने आवेदन की लास्ट डेट बढ़ाने का फैसला किया। फिर लास्ट डेट बढ़ाकर 22 दिसंबर कर दी गई। डेट बढ़ाने के लिए दोनों बार नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल ने आदेश जारी किए थे।
100 बिस्तरों के अस्पतालों की जुगाड़ में लेट हो गए निजी नर्सिंग कॉलेज: प्रदेश में करीब 700 नर्सिंग कॉलेज (mp nursing college) संचालित हैं। इनकी मान्यता के लिए इस बार नियमों में बदलाव किया गया है। नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता के लिए 100 बेड क्षमता का अस्पताल (100 Bed hospital) संबंद्ध होना जरूरी है। ज्यादातर नर्सिंग कॉलेज इस क्राइटेरिया (Nursing college Recognition criteria) को पूरा नहीं कर पा रहे। लिहाजा मान्यता के लिए आवेदन करने में देरी हो गई और लास्ट डेट निकल गई।
सूत्रों का कहना है कि कुछ नर्सिंग कॉलेज संचालकों ने लेनदेन करके एक बार फिर पोर्टल खुलवाने की तैयारी की है। जिसके लिए मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल की अध्यक्ष सुनीता शिजू ने फाइल तैयार कर DME (डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन) को भेजी है। सूत्रों का कहना है कि DME डॉ. जितेन शुक्ला ने भी फाइल को अप्रूवल दे दिया है। सोमवार को कमिश्नर निशांत बरबड़े (Nishant Warwade) की अनुमति लेने की तैयारी है। मामले में द सूत्र ने डॉ. जितेन शुक्ला और सुनीता शिजू से संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन दोनों ने ही फोन नहीं उठाया।