Jabalpur. जबलपुर में बीते दिनों पड़े एनआईए के छापे के बाद पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ का सिलसिला जारी है। अब तक की पूछताछ में जो तथ्य सामने आए हैं उनके मुताबिक आरोपियों द्वारा बनाए गए फजीबुल्लाह ग्रुप के जरिए आईएसआईएस का प्रचार प्रसार किया जा रहा था। सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर बनाए गए इस चैनल पर युवाओं को कट्टरता का पाठ पढ़ाया जा रहा था। इस ग्रुप के फॉलोअर्स की संख्या हजारों में पाई गई है। फिलहाल एनआईए ने पकड़े गए 3 आरोपियों को भोपाल की विशेष कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें 7 दिन की रिमांड पर लिया गया है।
एक ग्रुप बंद कर दूसरा कर दिया था चालू
पूछताछ में यह भी सामने आया है कि आरोपियों ने ग्रुप का नाम फेमस हो जाने के बाद उस ग्रुप को बंद करने के बाद दूसरा चैनल बना लिया था। उसमें भी लोगों को जोड़ने का क्रम जारी था। ग्रुप में मुस्लिम युवाओं को दावाह यानि की जेहाद के लिए समर्पित होने के लिए भड़काया जाता था, उन्हें भड़काऊ साहित्य और सामग्री परोसी जाती थी।
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केवल 12वीं तक पढ़ा है मास्टरमाइंड
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों में से सैयद मामूर अली केवल 12वीं पास है, जो कि इस पूरे नेक्सस का सरगना था। बचपन में चोटिल हो जाने के बाद वह फिजिकली काफी कमजोर है। वहीं उसके साथी मोहम्मद शाहिद और मोहम्मद आदिल इंजीनियरिंग के छात्र हैं। ये तीनों बारी-बारी से अपने चैनल पर आकर लोगों से संवाद करते थे और आपत्तिजनक साहित्य उपलब्ध कराते थे। जिसके चलते ये लोग सुरक्षा एजेंसियों की निगाह में आ गए।
यह है मामला
बीते शुक्रवार को जबलपुर में एनआईए और एटीएस ने कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। एजेंसी ने इस मामले में तीन आरोपी मामूर अली, शाहिद और आदिल को गिरफ्तार किया था। इन तीनों के अलावा अन्य संदिग्धों को नोटिस देकर छोड़ दिया गया। बताया जा रहा है कि बीते माह एनआईए द्वारा जिन संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया, उन्हीं से इन आरोपियों के तार जुड़े हुए थे।