योगेश राठौर, Indore. अपनी हिंदुत्व विचारधारा और तीखे बयान के लिए पहचान रखने वाली प्रदेश की पर्यटन व संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने मदरसों को लेकर कहा है कि जो कागजो पर होंगे वे मदरसे बंद होंगे। ठाकुर ने कहा कि गलत तरीके से चलने वाले मदरसे जो केवल दिखाने के लिए कागजों पर हैं और वास्तव में धरातल पर मौजूद ही नहीं है, उन्हें बंद किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि यूपी की योगी सरकार ने भी इसी तर्ज पर कई मदरसों पर कार्रवाई की है। जानकारी के अनुसार मप्र शासन को यह जानकारी मिली है कि प्रदेश में कागजों पर मदरसे चल रहे हैं, इसके अलावा कई मदरसे ऐसे भी हैं, जिनमें एक कमरे में टेबल और बोर्ड लगाकर संचालन किया जा रहा है। ऐसे तमाम मदरसों में कितने बच्चे पढ़ते हैं व शासन से मिलने वाली सुविधाओं का हितग्राहियों तक कितना लाभ पहुंच पाता है, यह रिकॉर्ड व्यवस्थित रूप से शासन के पास भी नहीं है। 7700 से ज्यादा रजिस्टर्ड है
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में करीब 7700 से ज्यादा रजिस्टर्ड मदरसे हैं, लेकिन हाल ही में बाल आयोग द्वारा किए गए निरीक्षण के बाद कई मदरसे अवैध पाए गए।
मदरसा बोर्ड से भी मांगी गई थी जानकारी
वहीं जिले की पुलिस के पास भी मदरसों की संख्या की जानकारी नहीं है। मदरसो में शिक्षकों की नियुक्ति के आधार पर अनुदान का प्रावधान है, जिसमें एक शिक्षक वाले मदरसे को 72000 रुपए जबकि दो शिक्षकों में अनुदान 144000 रुपए है. वहीं जिन मदरसों में 3 शिक्षक द्वारा दीनी तालीम देना बताया जाता है उनमें सालाना अनुदान की दर 216000 रुपए के करीब है।
अधिकांश राशि घपले घोटालों में चढ़ जाती है भेंट
सामान्य स्कूल की तरह मदरसों में भी कंप्यूटर शिक्षा वेबसाइट शिक्षा और खेल कूद से संबंधी गतिविधियां संचालित की जाती है, जिसके लिए मदरसों को सरकार से भारी भरकम पैसा भी मिलता है। मध्यान भोजन का प्रावधान भी मदरसों में है, लेकिन यह राशि भी कागजों पर चलने वाले अधिकांश मदरसों के घपले घोटालों में भेंट चढ़ जाती है।
अधिकारियों के संरक्षण में चल रहे फर्जी मदरसे
मध्यप्रदेश में पारदर्शिता के अभाव में फर्जी मदरसे चल रहे हैं। ऐसा नहीं है कि मदरसों को फर्जी मदरसों की जानकारी नहीं है। लेकिन मदरसा बोर्ड में सालों से जमे अधिकारियों के संरक्षण में ये फर्जी मदरसे चल रहे है, लेकिन अब मध्य प्रदेश सरकार इन फर्जी मदरसों के खिलाफ एक्शन लेने जा रही है।