इंदौर पुलिस (Indore Police) ने 13 सितंबर को बड़ी कार्रवाई की है। यहां पुलिस ने एक फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह के सरगना सतीश गोस्वामी को गिरफ्तार किया है। सतीश एक सॉफ्टवेयर की मदद से फर्जी मार्कशीट तैयार करता था। आरोपी ने अपने इस काले कारोबार को चलाने के लिए एक एजुकेशन इंस्टीट्यूट खोल रखा था। इसके जरिए वह छात्रों को एडमिशन देकर मोटी रकम वसूलता था और बदले में फर्जी मार्कशीट (Fake Certificate) पकड़ा देता था।
554 फर्जी सर्टिफिकेट बनाए
सतीश 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएशन समेत अन्य डिग्रियों की फर्जी मार्कशीट बनाता था। आरोपी ने इस तरह करीब 4 साल में 554 फर्जी सर्टिफिकेट बनाए हैं। इनसे आरोपी ने करीब डेढ़ करोड़ रुपए की कमाई की। पुलिस के मुताबिक आरोपी 10वीं और 12वीं की फर्जी मार्कशीट बनाने के लिए 10 से 15 हजार रुपए लेता था। इसके अलावा ग्रेजुएशन की मार्कशीट के लिए 15 हजार रुपए वसूलता था।
नामी विश्वविद्यालयों की फर्जी मार्कशीट
आरोपी मध्यप्रदेश बोर्ड (Madhya Pradesh Board of Secondary Education), महाराष्ट्र बोर्ड ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन, राजस्थान बोर्ड, विलियम कैरी यूनिवर्सिटी, मेवाड़ यूनिवर्सिटी, सनराईज यूनिविर्सटी, शंघाई यूनिविर्सटी, डीआरसीबी रमन यूनिवर्सिटी, ओपीजीएस यूनिवर्सिटी, एसआरके यूनिवर्सिटी, आईसेक्ट यूनिवर्सिटी, आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी (RKDF University) आदि के फर्जी सर्टिफिकेट बनाता था।
गिरोह के अन्य लोगों की तलाश में जुटी पुलिस
अपराध निरोधक शाखा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) गुरुप्रसाद पाराशर ने बताया कि क्राइम ब्रांच को फर्जी मार्कशीट बनाने वाले गिरोह की सूचना मिली थी। इसके बाद रविवार को तिलक नगर इलाके में सहर्ष इंस्टीट्यूट ऑफ आईटी मैनेजमेंट (Saharsh Institute Of It & Management) पर छापा मारा। छापे में 7 कम्प्यूटर, 2 प्रिंटर, दो मोबाइल और दो रजिस्टर जब्त किए गए हैं। साथ ही 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएशन की 50 मार्कशीट जब्त की हैं। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है कि उसके अलावा इस गिरोह में कितने लोग शामिल हैं।