भोपाल। राजधानी की इकलौती नदी को बचाने के द सूत्र के अभियान (#SaveKaliyasot) से कलियासोत के गुनहगार धीरे-धीरे ही सही लेकिन अब प्रशासन के टारगेट पर आने लगे हैं। बिल्डरों की मनमानी और प्रशासन की अनदेखी से दम तोड़ती कलियासोत के असल गुनहगारों का खुलासा होने के बाद अब कुछ अधिकारी उदासीनता की नींद से जागते नजर आ रहे हैं। 16 अक्टूबर को द सूत्र की खबर " कलियासोत के ग्रीनबेल्ट पर किसने बनाया प्रायवेट फार्म हाउस" चलने के बाद भोपाल नगर निगम (Bhopal Municipal Corporation) के सिटी प्लानर (City Planer) ने नोटिस जारी किया है। बीएमसी का नोटिस जारी होने के बाद विरासा हाइट्स के पीछे बने फार्म हाउस के मालिक एवं एक्सटॉल कॉलेज (Extoll College) के संचालक ज्ञान भटनागर (Gyan Bhatnagar) ने जमीन को अपना मानने से इनकार कर दिया है। बता दें कि यदि भटनागर इसे अपनी जमीन मानना स्वीकार करते हैं तो उन्हें बड़े जुर्माने के साथ जेल भी हो सकती है। इसलिए वे अब इसे अपनी जमीन मानने से ही इंकार कर रहे हैं। इधर नगर निगम प्रशासन इसे लावारिस मानकर जल्द ही तोड़ने की कार्रवाई कर सकता है।
नगर निगम ने फार्म हाउस ओनर ज्ञान भटनागर को जारी किया नोटिस
बता दें कि 16 अक्टूबर, शनिवार को कलियासोत के कत्ल के चौथे एपिसोड में द सूत्र ने खुलासा किया था कि किस प्रकार नियम-कानून की धज्जियां उड़ाकर विरासा हाईट्स के पीछे नदी के ग्रीन बेल्ट पर एक्सटॉल कॉलेज के संचालक ज्ञान भटनागर ने प्रायवेट फार्म हाउस बना दिया। इस फार्म हाउस तक जाने का रास्ता विरासा हाईट्स से ही गुजरता है। मामले को लेकर नगर निगम के चीफ सिटी प्लॉनर (Chief City Planer) नीरज आनंद लिखार ने ज्ञान भटनागर को नोटिस जारी किया है। इस कार्यवाही से ग्रीन बेल्ट पर बना यह फार्म हाउस जल्द ही टूटने के आसार हैं।
NGT के आदेश का बिल्डर ने मनमाना मतलब निकाला
दरअसल एनजीटी ने विरासा हाईट्स के बिल्डर विपिन चौहान को नदी का ग्रीन बेल्ट डेवलप करने को कहा था। इस आदेश का अपने हिसाब से मतलब निकाला गया। याचिकाकर्ता सुभाष पांडे का तो यहां तक आरोप है कि इस आदेश के बाद ही विरासा हाईट्स ने यह जमीन ज्ञान भटनागर को बेची। इस पर उन्होंने अपना प्रायवेट फार्म हाउस बना लिया
फार्म हाउस के गेट पर लगाया धमकी भरा बैनर
आपने यह कहावत तो जरूर सुनी होगी...उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। नदी के ग्रीन बेल्ट की जमीन पर बने इस फार्म हाउस के गेट पर भी यही कहावत चरितार्थ होती नजर आती है। इसके गेट के पीछे की दीवार पर बकायदा एक बैनर लगाया गया है। इस बैनर पर धमकी भरे लहजे में लिखा गया है कि यदि आपने फार्म हाउस में प्रवेश किया तो यहां तैनात गार्ड को बलपूर्वक हटाने का अधिकार है।
पहले फार्म हाउस को अपना बताया, नोटिस के बाद किया इनकार
द सूत्र के पास ज्ञान भटनागर की वह रिकॉर्डिंग मौजूद है, जिसमें वह अपने फार्म हाउस को सही बता रहे हैं। लेकिन जब नगर निगम ने इस बारे में नोटिस जारी किया तो उन्होंने नगर निगम को लिखित में यह जवाब दिया कि उस जमीन से उनका कोई लेना देना नहीं है। जानकार बताते हैं कि ऐसा उन्होंने इसलिए किया क्योंकि ग्रीन बेल्ट पर बना फार्म हाउस आज नहीं तो कल जरूर टूटेगा। यदि भटनागर इसे अपनी जमीन मानना स्वीकार करते हैं तो उन्हें बड़े जुर्माने के साथ जेल भी हो सकती है। इसलिए वे अब इसे अपनी जमीन मानने से ही इंकार कर रहे हैं।
वैधानिक कार्यवाही के बाद तोड़ने की प्रक्रिया होगीः BMC
इस मामले में बीएमसी (BMC) के चीफ सिटी प्लॉनर नीरज आनंद लिखार ने द सूत्र से कहा कि जब हमने कोई परमीशन ही नहीं दी तो फार्म हाउस के कम्प्लीशन सर्टिफिकेट का सवाल ही नहीं उठता। ज्ञान भटनागर को नोटिस जारी किया था जिसके जवाब में उन्होंने संबंधित फार्म हाउस की जमीन अपनी होने से ही इंकार कर दिया। लेकिन हमारे रिकॉर्ड में जमीन उनके नाम पर ही आ रही है। उन्हें दूसरा नोटिस भेजा है कि क्यों न इस जगह को लावारिस मानते हुए फार्म हाउस को तोड़ दिया जाए। वैधानिक कार्यवाही के बाद तोड़ने की प्रक्रिया की जाएगी। वहीं, वकील और पर्यावरणविद् सन्ची राजेश देवलिया ने बताया कि एनजीटी (NGT) के आदेश का उल्लंघन करने पर 3 साल तक की सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही 25 करोड़ तक का जुर्माना भी लग सकता है। कोर्ट ने पहले भी कई फैसले सुनाए हैं जिसमें दोषियों को मोटा जुर्माना भरने के साथ सजा भी हुई है।
कलियासोत का कत्ल: एपिसोड— 4, कलियासोत के ग्रीन बेल्ट पर किसने बनाया प्राइवेट फार्म हाउस