योगेश राठौर, INDORE. इंदौर में लक्ष्मीबाई अनाज मंडी में आज सुबह किसानों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए चक्काजाम कर दिया। दरअसल बिक्री के लिए लाए गए गेहूं की व्यापारियों ने 1650 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बोली शुरू की, जबकि गेहूं का समर्थन मूल्य 2150 रुपए क्विंटल है। बीते साल रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से गेहूं उड़कर बिका था। अचानक इतने कम दामों पर बोली लगने से किसान बौखला उठे। उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया और बात चक्काजाम तक आ पहुंची।
अभी शुरू नहीं हुई है गेहूं खरीदी
दरअसल इस साल रबी सीजन के गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू नहीं हुई है। करीब 80 फीसदी गेहूं खराब मौसम की वजह से कटा ही नहीं है। गेहूं की खरीदी 15 अप्रैल से होना संभावित है। वहीं बंपर पैदावार के चलते गेहूं के दामों में नरमी आ रही है, जिसके कारण किसानों को मजबूरी में गेहूं व्यापारी को बेचना पड़ रहा है। किसान अगर आज अपना गेहूं बेचकर पैसा सोसाइटी में जमा नहीं करते हैं तो उसे सोसाइटी में 1 साल का ब्याज भरना पड़ेगा, जिसके चलते किसान अपना माल व्यापारी को बेचने पर मजबूर है। व्यापारियों ने लक्ष्मीबाई अनाज मंडी पर जमकर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया।
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इंदौर की लक्ष्मीबाई मंडी पर बड़ी संख्या में किसान अपना गेहूं लेकर बेचने के लिए पहुंचे, जहां पर किसानों के गेहूं की बोली व्यापारियों ने 1650 रुपए से लगाना शुरू की। जिससे किसान नाराज हुए। किसानों का कहना है समर्थन मूल्य 2125 है उससे कम में किसान अगर अपना माल बेचेगा तो उसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ेगा। उधर व्यापारियों का कहना है गेहूं में नरमी आने के कारण गेहूं के दाम उस हिसाब से लगाए जा रहे हैं।
अच्छे गेहूं के मिल रहे ठीक-ठाक दाम
हालांकि अच्छी क्वालिटी के गेहूं को मंडी में 2185 रुपए क्विंटल पर खरीदा जा रहा है। व्यापारियों का कहना है कि यदि नमी वाला माल समर्थन मूल्य के बराबर दामों पर खरीदा जाएगा तो 6 माह बाद उसके खराब होने की संभावना ज्यादा है। हालांकि मंडी सचिव किसानों को आश्वस्त कर रहे हैं कि कोई भी व्यापारी समर्थन मूल्य से कम में गेहूं की बोली नहीं लगाएगा। हालांकि मंडी प्रशासन व्यापारियों के साथ भी जबरदस्ती नहीं कर सकता। फिलहार मंडी प्रशासन ने किसानों का हंगामा शांत करवाकर गेहूं की तुलवाई शुरू करवा दी है।