दिलीप मिश्रा, DEWAS. आज हम आपको एक ऐसे दुर्दांत पिता की कहानी बता रहे हैं, जिसने अपने अवैध संबंध छुपाने के लिए अपने ही बेटे को मौत के घाट उतार दिया। इस जघन्य हत्याकांड की कहानी रूह कंपकंपा देने वाली है। दुर्दांत पिता ने अपने बेटे का गला घोंटने का कृत्य तो किया ही अधमरी हालात में बेटे के दोनों हाथ काटकर 300 फीट गहरे बोरबेल में डाल दिये और लाश को खेत में झाड़ियों के बीच फेंक दिया। जी हां घटना देवास जिले के बरोठा थाना क्षेत्र के ग्राम बांगरदा की है। जहां 3 दिन पहले 15 वर्षीय हरि ओम पिता मोहनलाल चौहान की झाड़ियों में लाश मिली थी। उसके दोनों हाथ कटे हुए थे और शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे।
परिवार का भी किसी से कोई विवाद नहीं
गले पर फांसी का फंदा लगाने के निशान भी स्पष्ट नजर आ रहे थे। प्रथम दृष्टया मामला हत्या का प्रतीत हो रहा था। मौके पर पहुंची पुलिस ने झाड़ियों में पड़ी लाश की शिनाख्त हरिओम के रूप में की थी। हरि ओम बहुत ही भोला और मासूम बच्चा था। जिसका कभी किसी से कोई विवाद होने का तो सवाल ही नहीं उठता था। परिवार का भी गांव में किसी से कोई विवाद नहीं था। यह जघन्य हत्याकांड पुलिस के लिए किसी अनसुलझी पहेली से कम नहीं था। 5 दिसंबर से हरिओम घर से गायब था। जिसकी परिजनों ने कोई गुमशुदगी दर्ज नहीं कराई थी। हरिओम के पिता के हाव भाव देखकर पुलिस के शक की सुई हरिओम के पिता मोहन पर ही टिक गई। इधर मोहन पुलिस को 2 दिन तक गुमराह करने की कोशिश करता रहा।
यह भी पढ़ेंः इंदौर के भू-माफिया दीपक मद्दा ने एसीएस राजौरा के फर्जी साइन से कटवाई रासुका,धोखाधड़ी का केस दर्ज
पुलिस की कड़ी पूछताछ आरोपी ने कुबूला
घटना की गंभीरता को देखते हुए देवास एसपी डॉक्टर शिव दयाल सिंह ने 3 विशेष टीमें गठित की। इधर पुलिस ने वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग करते हुए प्रोलांग इंटेरोगेशन किया। मृतक हरिओम के पिता मोहन से बार-बार की गई पूछताछ में आ रही कंट्रोवर्सी से पुलिस का शक मजबूत होता गया। इसी दौरान पुलिस को मोहन के अवैध संबंध की भनक भी लगी। प्रोलांग इंटेरोगेशन की वैज्ञानिक तकनीक से पूछताछ में आरोपी ने अपना गुनाह कुबूल किया। पुलिस अधीक्षक डॉक्टर शिव दयाल सिंह ने एसपी ऑफिस में पत्रकार वार्ता में बताया कि आरोपी मोहनलाल चौहान के चचेरे भाई की पत्नी से अवैध संबंध थे। 2 दिसंबर की रात हरिओम ने उन्हें आपत्तिजनक हालत में देख लिया था। उसके बाद से ही महिला मोहनलाल पर इस बात का दबाव बना रही थी कि अगर बेटे को रास्ते से नहीं हटाया तो वह आत्महत्या कर लेगी क्योंकि उन्हें घटना के उजागर होने का डर था। इसके चलते 5 दिसंबर को तड़के 3:00 बजे मोहन लाल ने अपने बेटे हरिओम को जगाया और खेत पर पानी फेरने का कहकर साथ ले गया।
लाश को झाड़ियों में फेंका
खेत पर बने एक मकान में हरिओम को ऊपर ले जाकर उसके गले में रस्सी का फंदा डालकर खींचा और उसे दीवार किनारे ले जाकर नीचे धक्का दे दिया और रस्सी का दूसरा हिस्सा मकान के निकले सरियों में बांध दिया। फिर रस्सी काटकर उसे नीचे गिरा दिया। तब तक हरि ओम जिंदा था। अधमरे हरिओम के दोनों हाथ तेज धार वाले दराते से काटकर हाथ 300 फीट गहरे बोरवेल में डाल दिए। जब उसे कंफर्म हो गया कि हरिओम मर चुका है तो उसकी लाश को झाड़ियों में फेंक दी। सुबूत मिटाने के लिए ना सिर्फ उसने दराते को साफ किया बल्कि उससे बाद में घास भी काटी। इस तरह दुर्दांत पिता ने अपने बेटे की हत्या को अंजाम देकर अपनी प्रेमिका को जानकारी दी कि वह हरिओम को रास्ते से हटा चुका है।
48 घंटे में मामले का पर्दाफाश
पुलिस ने इस मामले में मोहन लाल पिता रामचंद्र चौहान और आशा पति राहुल चौहान को आरोपी बनाते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त हथियार और रस्सी गुप्त कर ली है। बरोठा पुलिस अब कैमरे की मदद से करीब 350 फीट गहरे बोरिंग में फेंके गए मृतक के दोनों हाथ निकालने में जुटी है। 48 घंटे में इस हत्याकांड का पर्दाफाश करने पर पुलिस अधीक्षक डॉक्टर शिव दयाल सिंह ने थाना प्रभारी शैलेंद्र मुकाती और उनकी टीम के अलावा साइबर सेल के शिवप्रताप सिंह सेंगर और सचिन चौहान की सराहना करते हुए पूरी टीम को ₹10000 इनाम देने की घोषणा की है।