Damoh. दमोह जिले नोहटा थाना में पदस्थ महिला आरक्षक ज्योति चढ़ार 30 वर्ष ने सोमवार की रात पुलिस लाइन के सरकारी क्वार्टर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह ड्यूटी करके अपने घर पुलिस लाइन लौटी थी और दमोह पहुंचने के बाद उसने अपने घर में ही फांसी लगा ली। जब उसके आरक्षक पति ने उसे फोन लगाया और ज्योति ने फोन नहीं उठाया तो वह ज्योति की बहन के साथ कुछ देर बाद घर पहुंचा। देखा तो दरवाजे अंदर से बंद थे और ज्योति फांसी पर लटकी हुई थी।
बता दें कि वर्ष 2015 में ज्योति के पिता चतुर्भुज चढ़ार 50 ने भी खुद को राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी हालांकि पुलिस रिकार्ड में इसकी पुष्टि नहीं हुई बल्कि इस घटना को एक्सीडेंट बताया गया। पिता पुलिस लाइन के आर्म्स शाखा में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ थे।
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ज्योति 2012 में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुई थी उनके पति अमित भी सागर में एसएएफ में पदस्थ हैं। करीब 3 माह पहले ज्योति के यहां डिलीवरी हुई थी। जिसमें लड़का हुआ था, लेकिन एक माह बाद अचानक लड़के की मौत हो गई थी। जिसके बाद से ज्योति तनाव में थी। सोमवार को नोहटा में ड्यूटी करने के बाद शाम को वह घर आई थी और अपने कमरे में जाकर उसने आत्महत्या कर ली।
उसके आरक्षक पति ड्यूटी पर थे और बार-बार उसे फोन लगा रहे थे, लेकिन जब ज्योति ने कॉल अटेंड नहीं की तो उन्हें संदेह हुआ और वह घर पहुंचे। वहीं मृतिका की बहन ने बताया की ज्योति जबलपुर नाका अपनी मां के घर आई थी और खाना खाने के बाद वह क्वार्टर चली गई थी बाद में उसका शव फंदे से लटका मिला।
एसपी राकेश सिंह ने बताया कि महिला आरक्षक का शव फांसी पर लटका मिला है। कोई सुसाइड नोट प्राप्त नहीं हुआ है। परिजनों से पता चला है की महिला आरक्षक संतान की मौत होने से अवसाद ग्रस्त थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।