संजय गुप्ता, INDORE. मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) की राज्य सेवा परीक्षा 2019 को लेकर लगी याचिका पर जबलपुर हाईकोर्ट में मंगलवार (22 नंवबर) को करीब आधे घंटे तक सुनवाई हुई। इसमें कहा गया कि पीएससी को जो भी अतिरिक्त जवाब पेश करना है तो वह रविवार तक कर दें। हाईकोर्ट इस मामले में अब 29 नवंबर को अंतिम सुनवाई करेगा और इसके बाद इसमें कोई फैसला जारी कर सकता है।
पीएससी ने दोबारा परीक्षा के लिए यह दिया जवाब
जानकारी के अनुसार पीएससी द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2019 के लिए पूर्व में ली गई प्री और लिखित दोनों परीक्षाओं के रिजल्ट शून्य घोषित करने पर जवाब दिया गया है कि इंटरव्यू के लिए इसका संभावित शेड्यूल ही जारी हुआ था और प्रोवीजनल लिस्ट ही जारी हुई थी। दूसरी बार लिखित परीक्षा इसलिए लेना जरूरी है क्योंकि ऐसे में यदि बाद में पास घोषित हुए अभ्यर्थियों की ही परीक्षा ली जाती है तो ऐसे में दोनों पेपर अलग-अलग होने से सही मेरिट स्तर बनाना मुश्किल होगा और ऐसे में फिर इसे चैलेंज किया जा सकता है। वहीं पूर्व की परीक्षा में स्पेशल लिखित परीक्षा लेने का कारण यह था कि उनके फैक्ट अलग थे, उसमें इस तरह की विसंगति नहीं आई थी। यदि राज्य सेवा परीक्षा 2019 के लिए स्केलिंग नियम व अन्य नियम लगाएंगे तो पूर्व रिजल्ट में सफल हुए 1918 अभ्यर्थी में से कुछ के बाहर होने की आशंका रहेगी, ऐसे में फिर मामला लिटीगेशन में संभव है, ऐसे में दोबारा लिखित परीक्षा कराना ही सबसे उचित कदम होगा। (हालांकि साल 2012 में पीएससी प्री परीक्षा में उठे सवाल के बाद पीएससी ने अतिरिक्त पास घोषित हुए अभ्यर्थियों के लिए केवल लिखित परीक्षा ली थी)
पीएससी के तर्क
अभ्यर्थियों को केवल इंटरव्यू के लिए संभावित शेड्यूल ही जारी हुआ था औऱ् प्रोवीजनल लिस्ट ही जारी हुई थी। ऐसे में अंतिम चयन नहीं हुआ था। यदि राज्य सेवा परीक्षा 2019 के लिए स्केलिंग नियम व अन्य नियम लगाएंगे तो पूर्व रिजल्ट में सफल हुए 1918 अभ्यर्थी में से कुछ के बाहर होने की आशंका रहेगी, ऐसे में फिर मामला लिटीगेशन में संभव है, ऐसे में दोबारा लिखित परीक्षा कराना ही सबसे उचित कदम होगा।
तीन साल से हो रहा है भर्ती का इंतजार
राज्य सेवा परीक्षा 2019 की प्री जनवरी 2020 में हुई थी। इसके बाद से तय पीएससी इसकी अंतिम चयन सूची जारी नहीं कर सका है। जबकि एक बार प्री और लिखित परीक्षा 2021 में ही चुकी है और अप्रैल 2022 में ही इंटरव्यू का भी शेड्यूल था लेकिन रोस्टर नियम दरकिनार होने और ओबीसी आरक्षण के चलते अक्टूबर 2022 में पीएससी ने दोनों पूर्व के रिजल्ट जीरो घोषित कर नए सिरे से रिजल्ट बनाया और अब जनवरी 2023 में लिखित परीक्षा कराने का शेड्यूल जारी किया है। इसे लेकर पूर्व में सफल हो चुके अभ्यर्थियों ने जबलपुर बैंच में यह याचिका दायर की है और उनकी मांग है कि सफल हो चुके अभ्यर्थियों को दोबारा परीक्षा के लिए बाध्य नहीं किया जाए, जो अतिरिक्त पात्र घोषित किए गए हैं, केवल उन्हीं की यह परीक्षा हो।
इस फैसले का असर अन्य परीक्षाओं पर भी होगा
इस फैसले का असर अन्य परीक्षाओं पर भी संभावित है, क्योंकि पीएससी राज्य सेवा परीक्षा 2020 की भी प्री और लिखित दोनों परीक्षा ले चुका है, हालांकि लिखित परीक्षा का रिजल्ट अभी जारी नहीं हुआ है। साल 2019 को लेकर हाईकोर्ट के निर्देश से इसे लेकर भी दोबारा परीक्षा होना या नहीं होना इस पर भी असर संभव है।
साल 2019 की परीक्षा में अभी तक यह हो चुका
राज्य सेवा परीक्षा 2019 की भर्ती के लिए 14 नवंबर 2019 को विज्ञप्ति जारी हुई, प्रारंभिक परीक्षा 12 जनवरी 2020 को हुई और इसका रिजल्ट 21 दिसंबर 2020 को जारी हुआ। इसमें करीब दस हजार अभ्यर्थी लिखित परीक्षा के लिए क्वालीफाइ हुए, इसके बाद लिखित परीक्षा 21 मार्च से 26 मार्च 2022 तक आयोजित हुई। इसका रिजल्ट 31 दिसंबर 2021 को जारी किया गया, इसमें 1918 अभ्यर्थी इंटरव्यू के लिए क्वालीफाइ हुए। इंटरव्यू के लिए पीएससी ने शेड्यूल अप्रैल 2022 तय किया और अंतिम रिजल्ट जून 2022 तय किया गया। इसी बीच अप्रैल 2022 में ही रोस्टर नियमों को लेकर लगी याचिका पर हाईकोर्ट का आदेश आया और इन नियमों को दरकिनार कर दिया गया। वहीं ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रही सुनवाई में हाईकोर्ट का सितंबर 2022 में अंतरिम फैसला आया, इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने पीएससी को 87-13 फीसदी के फार्मूले के आधार पर ओबीसी आरक्षण देने का निर्देश दिया। इसके बाद पीएससी ने 11 अक्टूबर 2022 को राज्य सेवा परीक्षा 2019 के प्री व लिखित दोनों परीक्षाओं के रिजल्ट को रद्द करते हुए नए रिजल्ट जारी कर फिर से लिखित परीक्षा जनवरी 2023 में कराने का फैसला जारी किया।