दमोह में जबरन धर्मांतरण कराने के मामले में 8 के खिलाफ FIR, NCPCR अध्यक्ष के नोटिस के बाद हुई कार्रवाई, केरल निवासी हैं आरोपी

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Rajeev Upadhyay
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दमोह में जबरन धर्मांतरण कराने  के मामले में 8 के खिलाफ FIR, NCPCR अध्यक्ष के नोटिस के बाद हुई कार्रवाई, केरल निवासी हैं आरोपी

Damoh. देहात थाना क्षेत्र के मराहार गांव में यीशु मिशनरी संस्था के लोगों द्वारा दलित समाज के लोगों को पैसे का प्रलोभन देकर उनका धर्मांतरण किया गया था।  साथ ही नाबालिग बालिकाओं के साथ छेड़छाड़ की गई थी, जिस पर पीड़ित द्वारा एसपी को आवेदन दिया था, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया था। इस मामले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष के द्वारा नोटिस जारी करने के बाद पुलिस ने देर रात्रि आठ नामजद लोगों पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और शीघ्र ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।



दलित समाज के लोगों द्वारा दमोह एसपी डीआर तेनीवार  को एक आवेदन दिया था।  जिसमें उन्होंने बताया था कि 8 साल पहले यीशु मिशनरी की संस्था के लोगों द्वारा पैसे का प्रलोभन देकर उनका धर्मांतरण कराया  था। उन्होंने पैसों की लालच में अपना धर्मांतरण कर लिया था, लेकिन अब वह वापस हिंदू समाज में आना चाहते हैं।  इसके बाद यीशु मिशनरी संस्था के लोगों के द्वारा लगातार उन्हें धमकियां दी जा रही हैं।  जिसकी शिकायत उन्होंने एसपी से की थी । इस मामले में पुलिस के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई।  तब इस बात की जानकारी राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो को लगी तो उन्होंने दमोह एसपी डीआर  तेनिवार और मध्य प्रदेश के डीजीपी को नोटिस जारी कर 7 दिन में जवाब तलब किया था। उसके अलावा उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि दमोह में नाबालिग बालिकाओं के साथ छेड़छाड़ की गई और दलित समाज के लोगों का धर्मांतरण कराया गया । पुलिस के द्वारा देर रात्रि तक पीड़ितों को थाने में बिठाया गया,  लेकिन एफ आई आर दर्ज नहीं की गई इसलिए नोटिस जारी किया जाता है। नोटिस जारी होते ही देर रात्रि पुलिस ने मामले की जांच कर आरोपियों पर मामला दर्ज कर लिया है।



दमोह सीएसपी अभिषेक तिवारी के द्वारा इस मामले की जांच की जा रही थी। जिसमें शिकायत कर्ता राजेश अहिरवार, परमलाल अहिरवार, उमा अहिरवार के द्वारा दिए गए आवेदन एवं छात्राओ द्वारा दिए गए कथनों के बाद पुलिस ने देर रात्रि केरल निवासी एवं वर्तमान में मराहार में निवास करने वाले विज्जु पास्टर, नैनन धामस पास्टर, फिलिसपन मैथ्यू, रिन्यू मैथ्यू, साजन अब्राहम, थामस, निधि धामस एवं अप्पू थामस के विरुद्ध आईपीसी की धारा 354, 354(अ), 34,342, मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2021, धार्मिक संस्था दुरुपयोग निवारण अधिनियम 1988, पास्को एक्ट, 7/8, 9/10, 3(1)द, 3(2)(5) क, 3(1) ू(1) एवं 3(1)22 के तहत मामला दर्ज किया गया है।



आधारशिला संस्थान का कोई संबंध नहीं




राष्ट्र बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष के दमोह निरीक्षण के दौरान ईसाई मिशनरी संस्था के द्वारा एक नाबालिक बालक का धर्मांतरण किया गया था और उसे पादरी बनाया जा रहा था। इस बात का खुलासा होने पर उन्होंने देहात थाना में अजय लाल सहित 10 लोगों पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया था।  इसी मामले में  आधारशिला संस्थान के पीआरओ रवि अग्निहोत्री ने भी एक विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि धर्मांतरण  मामले में आधारशिला संस्थान का किसी भी प्रकार का कोई संबंध नहीं है ना ही पूर्व में किसी प्रकार का संबंध रहा है। बल्कि अन्य लोग धर्मांतरण मामले में आधारशिला संस्थान को जोड़कर कार्यवाई किए जाने की बात कर रहे हैं जबकि इस प्रकार का किसी भी प्रकार का संबंध संस्था से नहीं है। publive-image



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यह विज्ञप्ति जारी होते ही राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष ने तत्काल ही एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा है की माफिया की तरह मिशनरी चलाने वाला धर्मांतरण व जेजे एक्ट के आरोपी अजय लाल शातिर अपराधियों की तरह इस प्रकार की धमकी जारी कर जिला प्रशासन के सरकारी कर्मचारियों व प्रेस मीडिया को डराना चाहता है। साक्ष्य के आधार पर एफआईआर हुई है। दबाव बनाने की कोशिश को भी आयोग संज्ञान में लेगा।


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