ग्वालियर में बिड़ला हॉस्पिटल (Birla Hospital) में धोखाधड़ी का एक मामला सामने आया है। जिसके बाद अस्पताल के GM, डायरेक्टर और एक्जीक्यूटिव समेत 6 लोगों पर धोखाधड़ी और लूट की FIR दर्ज हुई है। यह FIR उपभोक्ता फोरम में जज अरुण तोमर की पत्नी की कोरोना (Corona) से मौत के मामले में हुई है। उन्होंने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ गोला का मंदिर थाने में FIR दर्ज कराई है। इस FIR में उन्होंने सबूतों के साथ आरोप लगाया कि बिल में उनकी पत्नी को जितने रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) लगाने की बात की है। वो इंजेक्शन लगे ही नहीं है। इसके अलावा ट्रीटमेंट चार्ट में दवाओं की अतिरिक्त राशि बिल में जोड़ी गई है।
अस्पताल प्रबंधन ने फर्जी बिलों से पैसा वसूला
जज अरुण तोमर ने पत्नी सरला तोमर को 19 अप्रैल को बिड़ला (BIMR) हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। जहां इलाज के दौरान 29 अप्रैल को उनकी मौत हो गई थी। मरीज की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें 3.36 लाख रुपए का बिल दिया था। इसमें 25 हजार रुपए का डिस्काउंट कर उनसे 3.11 लाख रुपए जमा करा लिए गए थे। इसके बाद शव लेकर चले गए। इस मामले में 15 दिन बाद FIR कराई गई थी। इसके बाद जब उन्होंने हॉस्पिटल से सारे बिल निकलवाए और उनका मिलान ट्रीटमेंट शीट से किया तो पता चला कि अस्पताल प्रबंधन ने फर्जी बिल बनाकर उनसे 74 हजार रुपए की धोखाधड़ी की है।
गहने अंगूठी चोरी और रेमडेसिविर में गोलमाल
जब सरला तोमर अस्पताल में भर्ती थी। तब उन्होंने हाथ में दो अंगूठी पहने थी। जिसमें से एक में डायमंड लगा हुआ था। मौत के बाद सामान लौटाने में अस्पताल प्रबंधन ने अंगूठियां नहीं लौटाई। इसके साथ ही जब जज अरुण तोमर ने अस्पताल से मिले बिल, ट्रीटमेंट शीट का मिलान किया तो उसमें 6 रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने बताए गए। प्रत्येक इंजेक्शन की कीमत 2,450 रुपए रुपए लगाई गई, जबकि मरीज को 6 इंजेक्शन लगे ही नहीं।
जांच के बाद कार्रवाई करेगी पुलिस
इस मामले में जांच के बाद बिड़ला हॉस्पिटल (BIMR) के GM गोविन्द देवड़ा, डायरेक्टर एसएस देसाई व सीनियर एक्जीक्यूटिव वरिष्ठ कार्यपालक अधिकारी वेद प्रकाश पाण्डे व तीन अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी (Fraud) का मामला दर्ज कर लिया है। वहीं, गोला का मंदिर थाना TI विनय शर्मा ने बताया कि मरीज की मौत के बाद बिलों में हेरफेर की शिकायत पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। जांच की जा रही है कि किसकी क्या भूमिका है। जांच में जो भी तथ्य निकलकर आएंगे, उसी आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।