Jabalpur. जबलपुर की खमरिया आयुध निर्माणी के एक्सप्लोसिव डिपो में हुए विस्फोट और उसके बाद फैली आग की जांच करने पुणे से सेफ्टी डिपार्टमेंट की टीम पहुंची है। टीम आज घटनास्थल का दौरा कर यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि आखिर मानव रहित जगह पर इतनी भीषण आग लग कैसे गई। रक्षा कंपनी म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड के अधिकारी भी आग लगने के कारणों की जांच कर रहे हैं।
बता दें कि ईडीके की मैग्जीन बिल्डिंग पी-20 में सोमवार की देर रात आग लग गई थी, जिससे न सिर्फ उसमें रखा बारूद खाक हुआ बल्कि बिल्डिंग भी पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी और तो और विस्फोट के बाद आग ईडीके से सटे जंगलों में भी फैल गई थी। जिसके बाद आयुध निर्माणी समेत अन्य रक्षा संस्थानों की दमकल ब्रिगेड ने घंटों मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया था।
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घटना की गंभीरता को देखते हुए पुणे से रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत फायर एंड सेफ्टी से जुड़ी टीम जबलपुर पहुंची है। टीम आग लगने के कारणों का सूक्ष्मता से इन्वेस्टीगेशन करेगी। इससे पहले एमआईएल के डायरेक्टर ऑपरेशन एस के राउत भी खमरिया पहुंचकर घटनास्थल का जायजा ले चुके हैं। पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिर ईडीके में बारूद में आग लगी तो लगी कैसे।
राउत ने सुरक्षा और संरक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों से चर्चा की थी। उनका कहना था कि इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए और पुख्ता इंतजाम होने चाहिए। बता दें कि आयुध निर्माणी खमरिया में हादसे तो जब-तब होते ही रहते हैं लेकिन इस प्रकार का भीषण हादसा इससे पहले दो बार और हो चुका है। जब लोगों ने खमरिया फैक्ट्री में हो रहे धमाकों की आवाज और विस्फोट के बाद उठी लपटों को मीलों दूर से देखा और सुना था।
कब-कब हुआ बड़ा हादसा
साल 2014 में ओएफके परिसर में भीषण आग लगी थी, आग की लपटों की ऊंचाई इतनी ज्यादा थी कि मीलों दूर से लोगों ने उन लपटों को देखा था। वहीं साल 2018 में भी विनष्टीकरण के लिए रखे हुए आयुधों में विस्फोट हुआ था। जिसके बाद एक के बाद एक इतने धमाके हुए थे कि आसपास के इलाकों में घंटों तक उनकी गूंज सुनाई देती रही थी।