Jabalpur. दमोह के बटियागढ़ थाना क्षेत्र के बड़ी चिराई के जंगल में हुए हत्याकांड का एसपी ने पर्दाफाश कर दिया। इस हत्याकांड में अगारा गांव में रहने वाले मृतक सुरेंद्र सिंह के छोटे भाई ने ही अपने दोस्त के साथ मिलकर अपने बड़े भाई की गोली मारकर हत्या की थी और तौलिए से गला दबाया था। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की पूछताछ में आरोपी भाई ने बताया कि उसका बड़ा भाई शराबखोरी करता था। जिससे वह काफी कर्ज में डूब गया था। इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए उसने 9 महीने पहले योजना बनाई और अपने भाई-भाभी का 5 लाख का बीमा कराया और 22 अप्रैल की रात शराब पिलाकर जंगल में गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस को उलझाने के लिए भाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी बटियागढ़ थाने में दर्ज कराई थी।
दोस्त के साथ मिलकर की थी हत्या
23 अप्रैल को छोटे बेटे के कहने पर मृतक की मां ने पुलिस थाने में अपने बेटे की गुमशुदगी दर्ज कराई। 24 अप्रैल की सुबह बटियागढ़ थाना क्षेत्र के बड़ी चिराई के जंगल में सुरेंद्र पिता मुकुंद लोधी 35 वर्ष का शव मिला। उसके शरीर में गोली का घाव था जिसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया। पुलिस को मृतक के छोटे भाई वीरेंद्र सिंह पर संदेह हुआ। जब उसे बुलाकर पूछताछ की तो उसने पूरा घटनाक्रम स्वीकार कर लिया। पुलिस ने आरोपी छोटे भाई वीरेंद्र सिंह के अलावा उसके दोस्त भान सिंह को भी गिरफ्तार किया है।
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इस तरह हुआ पूरा हत्याकांड
पुलिस को 24 अप्रैल को जंगल में शव मिलने की सूचना प्राप्त हुई थी। पुलिस मौके पर पहंुची तो शव की पहचान सुरेंद्र सिंह पिता मुकुंद सिंह के रूप में हुई। पुलिस व एफएसएल टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। मृतक के चचेरे भाई साहब सिंह की रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया। दमोह एसपी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए अज्ञात आरोपी की गिरफ्तारी के लिए इनाम भी घोषित किया गया था। मृतक के मोबाईल नंबर की कॉल रिकार्ड्स के आधार पर मृतक के छोटे भाई वीरेंद्र सिंह पर संदेह हुआ। मृतक के भाई से पूछताछ की गई जिसमें उसने बताया कि उसने अपने साथी भान सिंग के साथ मिलकर अपने बड़े भाई सुरेंद्र सिंह की हत्या की है।
भाई की शराबखोरी से था परेशान
आरोपी ने बताया कि मेरा बडा भाई सुरेंद्र सिंह शराब, गांजा पीने का आदी था। वह घर पर अनावश्यक वाद-विवाद करता था। उसके कारण मैं कर्जे में डूब गया था। मैंने करीब 8 माह पहले एक योजना बनाई और अपने बड़े भाई सुरेंद्र सिंह व भाभी का 5 लाख का बीमा करा दिया था जिसकी किश्त मैं भर रहा था। मैने सोचा कि भाई की चुपचाप हत्या कर दूंगा तो बीमा की लाखों रूपये की राशि और पैतृक जमीन मुझे मिल जायेगी साथ ही भाई की शराबखोरी से भी छुटकारा मिल जायेगा। इसी के चलते मैने 22 अप्रैल को अपने साथी भान सिंग के साथ मिलकर बड़ी चराई के पास जंगल में अपने भाई सुरेंद्र सिंह के साथ शराब पी और मौका देखकर भाई सुरेंद्र सिंह को बारह बोर के कट्टे से गोली मार दी। फिर मौत की पुष्टि के लिये मैने और भान सींग ने सुरेंद्र का तौलिया से गला दबा दिया। किसी को मुझ पर संदेह न हो इसलिए मैंने और भान सींग ने सुरेंद्र का मोबाईल फेंक दिया और देशी कट्टा छुपाकर चुपचाप अपने -अपने घर चले गये थे। फिर अगले दिन अपनी मां को भेजकर थाने में भाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट करवा दी। एसपी ने बताया दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद न्यायालय में पेश कर दिया है।