मध्य प्रदेश विधानसभा का 5 दिवसीय सत्र शुरू, कांग्रेस विधायक लहसुन लेकर पहुंचे

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Shivasheesh Tiwari
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मध्य प्रदेश विधानसभा का 5 दिवसीय सत्र शुरू, कांग्रेस विधायक लहसुन लेकर पहुंचे

BHOPAL. मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आज यानी 13 सितंबर से शुरू हो रहा है। पांच दिवसीय सत्र की शुरुआत में ही कांग्रेस विधायकों ने हंगामा किया। कांग्रेस विधायक लहसुन लेकर विधानसभा पहुंचे। हाल ही में रतलाम के किसानों ने लहसुन की कीमत में भारी गिरावट होने पर नाराजगी जताई थी। कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने कहा कि अगर वाकई इनकी (बीजेपी सरकार) नीतियां सही हैं तो क्या कारण है कि किसानों को अपना लहसुन फेंकना पड़ रहा है। किसानों की आय तो दोगुनी नहीं हुई, उसकी लागत दोगुनी हो गई है। आज पेट्रोल, डीजल, उर्वरक के दाम बढ़ गए हैं, लेकिन उपज के दाम नहीं बढ़े।



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इस सत्र में ही सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 का पहला अनुपूरक बजट प्रस्तुत करेगी। बताया जा रहा है कि अनुपूरक बजट 2500 करोड़ रुपए से ज्यादा का हो सकता है। इसके अलावा सत्र के दौरान कांग्रेस भी कई मुद्दों को उठाने की तैयारी में हैं, जबकि विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए सरकार भी तैयार नजर आ रही है। वहीं, नगरीय विकास एवं आवास विभाग महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने, वाणिज्यिक कर विभाग भारतीय स्टांप ड्यूटी (मध्य प्रदेश संशोधन), वेट संशोधन विधेयक प्रस्तुत करेगा।



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पोषण आहार पर होगा हंगामा



इस समय शिवराज सरकार पोषण आहार के घोटाले को लेकर घिरी हुई है और इसे लेकर विपक्ष भी बीजेपी सरकार पर हमलावर है। सीएजी रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में पोषण आहार योजना में महिला बाल विकास विभाग में 110 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। हैरानी की बात ये है कि महिला बाल विकास विभाग खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ही पास है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार ने करीब 111 करोड़ रुपए का राशन कागजों पर बांट दिया है और इसे लेकर कांग्रेस ने सीएम के इस्तीफे की भी मांग की है।



विधायकों ने सरकार से 1516 सवाल किए



पांच दिन चलने वाले विधानसभा के मानसून सत्र में इस बार 1516 सवाल पूछ गए हैं। विपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेरने के लिए भ्रष्टाचार, बिगड़ती कानून व्यवस्था, बेरोजगारी जैसे कई मुद्दों को लेकर 15 सौ से ज्यादा सवाल और 18 स्थगन प्रस्ताव लगाए है। विधानसभा के लिए इस बार आठ अशासकीय संकल्प, 216 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव आए हैं। 765 तारांकित और 751 अतारांकित सवाल लगाए गए हैं। शून्यकाल की 66 सूचनाएं विधानसभा सचिवालय में पहुंची हैं। विधानसभा सत्र शांतिपूर्ण तरीके से चल सके और इसमें सार्थक चर्चा हो, इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई थी। 



विपक्ष तो है ही नहीं- मंत्री भार्गव



सर्वदलीय बैठक के बाद गृह और संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विपक्ष चर्चा करें, हंगामा ना करें। हम हर बात का जवाब देंगे। नियम प्रक्रिया के अंतर्गत जो भी सवाल आएगा। उसका जवाब देंगे। लेकिन यह सही नहीं है कि वो हमारी हर जवाब से खुश हो। वहीं, पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। किसी प्रकार की कोई वजह नहीं है। इसलिए वह लाचार है। विधानसभा ऐसे चल रही है जैसे विपक्ष है ही नहीं। कांग्रेस के रणनीति बनाने पर भार्गव बोले कि 20 साल से रणनीति बना रहे है। कुछ नहीं होने वाला है।



सत्र में पर्याप्त समय नहीं- सज्जन सिंह वर्मा 



कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने दावा किया हर विधायक अपने क्षेत्र के मुद्दों को विधानसभा में उठाना चाहता है। हालांकि उसे इस कम समय के सत्र में पर्याप्त समय नहीं मिलेगा। कांग्रेस विधायक ने कहा कि संसद सत्र एक महीने में होता है, लेकिन एमपी विधानसभा का मानसून सत्र सिर्फ पांच दिनों का होगा। पूर्व मंत्री ने कहा कि हमें संदेह है कि विधानसभा सत्र को केवल दो दिनों में अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया जा सकता है। वहीं कांग्रेस के इस आरोप पर बीजेपी (BJP) विधायक रामेश्वर शर्मा (Rameshwar Sharma) ने पलटवार करते हुए कहा कि मानसून सत्र का समय सर्वदलीय बैठक में लिया जाता है। वहीं महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर बीजेपी विधायक ने कहा कि यह पिछली कांग्रेस सरकारों की गलत नीतियों का परिणाम है।


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