BHOPAL: फॉरेंसिंक साइंस पढ़ने दिल्ली, मुंबई या गुजरात जाने की नहीं जरूरत, डिग्री के साथ डिप्लोमा अब भोपाल में शाह आज देंगे सौगात

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Praveen Sharma
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BHOPAL: फॉरेंसिंक साइंस पढ़ने दिल्ली, मुंबई या गुजरात जाने की नहीं जरूरत, डिग्री के साथ डिप्लोमा  अब भोपाल में  शाह आज देंगे सौगात

Bhopal. स्मार्ट पुलिसिंग के तहत पुलिस की कार्यप्रणाली का अहम हिस्सा बनते जा रहे फॉरेंसिक साइंस, क्राइम सीन इंवेस्टिगेटर, फिंगर प्रिंट सहित विभिन्न कार्यों को अपना कैरियर बनाने के लिए भोपाल और मध्यप्रदेश के युवाओं को अब घर नहीं छोड़ना पड़ेगा। और न ही मजबूरन गुजरात, मुंबई, दिल्ली, बंगलुरु या दक्षित भारतीय शहरों में रहने पडे़ेगा, बल्कि अब यही कोर्स करने के लिए देश भर के स्टूडेंट्स भोपाल को अपना ठिकाना बनाएंगे। सोमवार से भोपाल भी फॉरेंसिंक साइंसेस की पढ़ाई कराने वाले देश के चुनिंदा शहरों में शुमार हो जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को यहां समीपस्थ गांव बरखेड़ा बोंदर में नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेंसिक साइंसेस के कैंपस के लिए भूमिपूजन करेंगे। अपने कोर्सेस को लेकर यह यूनिवर्सिटी अनूठी रहेगी।



भोपाल में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिर्टी की घोषणा के बाद वर्तमान शैक्षणिक सत्र से ही प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। फिलहाल यूनिवर्सिटी का संचालन सेंट्रल फॉरेंसिक साइंसेस लेबोरेटरी सीएफएसएल के भवन में किया जा रहा है। इस यूनिवर्सिर्टी के केंपस और कोर्सेस के निर्धारण के लिए पिछले साल अक्टूबर में ही हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के आदेश पर अपर मुख्य सचिव गृह के स्तर पर छह सदस्यीय एक कमेटी का गठन किया गया था। समिति की रिपोर्ट पर इस यनिवर्सिटी में चार पाठ्यक्रमों में इसी सत्र से प्रवेश दिया जा रहा है। अब बरखेड़ा बोंदर में 15 एकड़ के सर्वसुविधायुक्त केंपस निर्माण के लिए सोमवार को भूमिपूजन किया जाएगा। इसके बाद भोपाल अब फॉरेंसिक साइंस के नक्शे में भी शामिल हो गया है। अगले सत्र से इसमें दो अन्य कोर्स भी शामिल हो जाएंगे।



इन चार कोर्सेस में मिल रहे प्रवेश



नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी भोपाल, एनएफएसयू के चार कोर्स इसी सत्र से शुरू हो रहे हैं। इनमें प्रवेश प्रक्रिया भी नेशनल लेवल पर होती है। वर्तमान सत्र में दाखिला पाने वाले स्टूडेंट की पढ़ाई सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री सीएफएसएल बरखेड़ा बोंदर के भवन में चल रही है। इस सत्र में एमएससी फॉरेंसिक साइंस, पीजी डिप्लोमा इन फॉरेंसिक डॉक्यूमेंट एग्जामिनेशन, पीजी डिप्लोमा इन फिंगर प्रिंट साइंस, पीजी डिप्लोमा इन डीएनए फॉरेंसिक कोर्स शामिल हैं। पहले सत्र के लिए प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है।



जून तक हो जाते हैं प्रवेश, ऑनलाइन रहती है प्रक्रिया 



एनएफएसयू द्वारा अपने प्रत्येक कोर्स के लिए अलग.अलग सूचना जारी की जाती है। यूनिवर्सिटी की वेबसाइट के जरिए ही ऑनलाइन एडमिशन फार्म भरें। फार्म भरने के बाद एंट्रेंस एग्जाम आयोजित किया जाता है। जानकारी के अनुसार आमतौर पर अप्रैल से जून के बीच फार्म की डेट रहती है। इसके बाद जून में एंट्रेंस एग्जाम होता है। रिजल्ट भी अमूमन जून लास्ट या जुलाई के फर्स्ट वीक में जारी कर दिए जाते हैं। मेरिट लिस्ट के आधार पर काउंसलिंग रखी जाती है।  काउंसलिंग में मैरिट के आधार पर एडमिशन दिया जाता है। देश भर में यही प्रक्रिया अपनाई जाती है।



हर कोर्स में अलग-अलग संख्या में सीट



भोपाल की एनएफएसयू में फिलहाल चार कोर्स चल रहे हैं। इनमें दो वर्षीय एमएससी इन फारेंसिक साइंसेस में कुल 30 सीटें हैं। इस कोर्स में बीएससी के अलावा मेडिकल, आयुष, बीएससी फारेंसिक साइंस, इंजीनियरिंग, फार्मेसी, बीडीएस की डिग्री धारी भी एडमिशन ले सकते हैं। अनरिजर्व्ड केटेगिरी के कैंडिडेट के लिए 55 और रिजर्व्ड के लिए ग्रेजुएशन में 50 परसेंट मार्क्स जरूरी होंगे। चार सेमेस्टर वाले इस कोर्स में प्रत्येक सेमेस्टर की फीस करीब 50 हजार रुपए रहती है। शुरुआती दो सेमेस्टर में फॉरेंसिक साइंस के अलावा ह्यूमन साइकोलॉजी पढ़ाई जाएगी। साथ ही इंस्ट्रूमेंटल तकनीक और क्राइम सीन मैनेजमेंट सिखाया जाएगा। थर्ड सेमेस्टर में फॉरेंसिक केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी में स्पेशलाइजेशन, फॉरेंसिक बायोटेक्नोलॉजी में स्पेशलाइजेशन सिखाया जाता है। पीजी डिप्लोमा इन फिंगर प्रिंट साइंस के 1 वर्षीय कोर्स में भी 20 साइंस ग्रेजुएट को प्रवेश दिया जाएगा। इसमें आपराधिक केसेस में फिंगर प्रिंट व विवादित दस्तावेजों के एग्जामिनेशन में स्पेशलाइजेशन कराया जाएगा। इस क्षेत्र की प्रचलित एवं एडवांस तकनीक  के बारे में पढाया जाएगा। वहीं पीजी डिप्लोमा इन फारेंसिक डाक्यूमेंट्स एग्जामिनेशन में 25 सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा। इन तीनों के अलावा पीजी डिप्लोमा इन डीएनए फॉरेंसिक के एक वर्षीय पाठ्यक्रम में भी प्रवेश दिया जाएगा। इस कोर्स में भी 25 सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा। जबकि अगले साल सेमी कंडक्टर इंजीनियरिंग एण्ड सिक्यूरिटी व एविएशन फारेसिंक कोर्स शुरू हो सकते हैं।



अभी यहां हैं एनएफएसयू



भोपाल के पहले अभी तक केवल चार  शहरों में नेशनल फारेंसिक साइंसेस यूनिवर्सिटी थीं। इनमें लोकनायक जयप्रकाश नारायण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फारेंसिंक साइंस दिल्ली, गुजरात फारेंसिंक सांइस यूनिवर्सिटी गांधीनगर, पोंडा गोवा तथा अगरतला त्रिपुरा में एनएफएसयू कैंपस हैं। अब भोपाल भी इस चुनिंदा शहरों में शामिल हो गया है। इनके अलावा उस्मानिया यूनिवर्सिटी हैदराबाद, डॉ. हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी सागर, बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी में भी इसी श्रेणी के यूनिवर्सिटी हैं। 



यहां भी है फॉरेंसिक साइंस की पढाई



इन चुनिंदा नेशनल यूनिवर्सिटीज के अलावा फारेंसिंक साइंस में एमएससी पाठ्यक्रम भी गिनेचुने शहरों के संस्थाओं में पढ़ाया जाता है। इनमें बीएचयू बनारस, मनीपाल यूनिवर्सिटी मनीपाल, नईदिल्ली, रोहतक, कोयम्बटूर, मुंबई और नोएडा में एमिटी यूनिवर्सिटी शामिल है। कुछ प्रायवेट यूनिवर्सिटी भी इस विषय के महत्व को देखते हुए ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स चला रही है। फिंगर प्रिंट में पीजी की सुविधा भी गिनती के संस्थाओं में संचालित हो रही है। फारेंसिक साइंस में बीएससी की पढ़ाई भी सागर, इंदौर, झांसी, नागपुर, मंबई, औरंगाबाद, पश्चिम बंगाल व सस्त्रा में कराई जाती है।



लगातार बढ़ रहे हैं कैरियर के ऑप्शन



ऑनलाइन क्राइम व फ्राड बढ़ने के साथ ही पुलिस की कार्यप्रणाली भी स्मार्ट हुई है। स्मार्ट पुलिसिंग ने सरकारी क्षे़त्र में नए मौके खोले हैं तो साइबर फ्राड के कारण प्रायवेट सेक्टर में भी साइंस फील्ड के स्टूडेंट्स के लिए नए-नए अवसर बनने लगे हैं, जिन्हें युवा अपना कैरियर बना सकते हैं। फॉरेंसिक साइंस में बीएससी या एमएससी करने के बाद गृह विभाग, पुलिस, इंटेलिजेंस और क्राइम इन्वेस्टिगेशन से संबंधित में मौके कैरियर बनाने के लिए उपलब्ध हैं। इसके अलावा आर्कियोलॉजी, एस्ट्रोनॉमी और जियोलॉजी से संबंधित विभागों में भी उनके लिए रोजगार के अवसर मौजूद हैं। सरकारी के अलावा प्रायवेट सेक्टर में इस फील्ड से रिलेटेड मौके बढ़ रहे हैं। खासबात यह है कि साइंस के अलावा मेडिकल, बीफार्मा और आयुष की डिग्री धारी वाले युवा भी इस फील्ड को अपना कैरियर बना सकते हैं।


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