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Jabalpur. जबलपुर डायोसिस के पूर्व बिशप पीसी सिंह के घपलेबाजी के आरोप लगातार बढ़ते जा रहे हैं। वहीं सीएनआई की जांच कमेटी ने अपनी जांच में यह पाया है कि पीसी सिंह ने पद का दुरूपयोग करते हुए जमकर भ्रष्टाचार किया। आंतरिक जांच में दोषी पाए जाने के बाद सीएनआई ने पूर्व बिशप पीसी सिंह को सभी पदों से बर्खास्त कर दिया है। इससे पहले जांच के दौरान उन्हें पदों से निलंबित किया गया था। सीएनआई ने इस बाबत सोमवार को आदेश जारी कर दिए।
सीएनआई की जांच रिपोर्ट में यह उल्लेख किया गया है कि पूर्व बिशप पीसी सिंह ने डायोसिस की छवि को धूमिल किया है। बता दें कि ईओडब्ल्यू की कार्रवाई के बाद सीएनआई ने मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की थी। जांच कमेटी के 3 सदस्य अक्टूबर माह के अंत में जबलपुर दौरे पर भी पहुंचे थे। यहां उन्होंने संस्था से जुड़ी जानकारियां एकत्र कीं और अनेक लोगों से मुलाकात कर बिशप पर लगे आरोपों से संबंधित दस्तावेज जुटाए थे।
4 नबंवर को हुई थी बैठक
जांच के बाद सीएनआई की 4 नवंबर को हुई बैठक में कमेटी सदस्यों ने पूर्व बिशप पीसी सिंह पर कार्रवाई की अनुशंसा की थी। बैठक में लिए गए निर्णय के तहत सीएनआई ने आदेश जारी कर दिया।
अब क्या हो सकता है?
सीएनआई की आंतरिक जांच में दोषी सिद्ध होने के बाद पीसी सिंह की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। संस्था के पद का दुरूपयोग कर भ्रष्टाचार करने का दोषी पाए जाने के बाद अब सीएनआई भी अपनी तरफ से पीसी सिंह के खिलाफ एक एफआईआर और करा सकती है। साथ ही न्यायालय में भी सीएनआई की जांच रिपोर्ट अहम सबूत का काम करेगी। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि सीएनआई की आंतरिक जांच की रिपोर्ट ने पूर्व बिशप की रिहाई और मामले से बच निकलने का कोई रास्ता नहीं छोड़ा है।