SEHORE. आगामी चुनाव को लेकर मध्यप्रदेश में पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से लगातार संपर्क कर रहे पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह 19 अप्रैल, बुधवार को सीहोर पहुंचे। उन्होंने अपने दौरे के दौरान मीडिया से चर्चा की। इसी के साथ उन्होंने अपनी कांग्रेस पार्टी की कमियां स्वीकारते हुए सबको चौंका दिया। दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमें यह स्वीकार करने में ऐतराज नहीं है कि हमारी कांग्रेस पार्टी का संगठन जैसा होना चाहिए, वैसा नहीं है। हमारा जो इलेक्शन मैनेजमेंट है, पोलिंग के दिन उसमें भी भारी कमी रहती है। उस प्रकार की तैयारी हमारी नहीं रहती है, जैसी होना चाहिए। जनता हमें वोट देना चाहती है, लेकिन हमारे संगठन की कमी की वजह से पूरा नहीं कर पाते हैं। इसलिए कमलनाथ जी ने पूरे प्रदेश की विधानसभा सीटों को सही तरीके से सेक्टर-मंडल में बांटा है। विधानसभा क्षेत्र की हारी हुईं सीटों पर प्रदेश भर में दौरा कर रिपोर्ट तैयार कर कमलनाथ को सौंपी जाएगी।
स्वयं कार्यकर्ताओं की बात सुन रहे हैं दिग्विजय
दिग्विजय सिंह ने बताया कि जिन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को लगातार पराजय मिल रही है, उन विधानसभा क्षेत्रों में जाकर वह स्वयं कार्यकर्ताओं की बात सुन रहे हैं। कांग्रेस के कार्यकर्ता पूरी तरह एकजुट है और चुनाव के लिए जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे हैं।
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राजा महाराजा टाइप के लोग बिक गए थे
उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि 'मध्यप्रदेश में 2018 में हुए चुनाव में कांग्रेस की सरकार बन गई थी, लेकिन कुछ लोग बिक गए। जो गरीब विधायक थे वे नहीं बिके, लेकिन जो राजा महाराजा टाइप के लोग थे, वे बिक गए। इसके कारण सरकार चली गई। अगर कांग्रेस पार्टी के सभी लोग एकजुट होते तो किसानों का कर्जा माफ हो जाता। बिजली की दरें भी नहीं बढ़ती। इस बार फिर से जनता परिवर्तन चाहती है। इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार मध्यप्रदेश में बनेगी।
एमपी में पुलिस पर हो रहे हमले चिंताजनक
सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में भाजपा के शासन में पुलिस और अधिकारियों के ऊपर लगातार हमले हो रहे हैं, जो चिंताजनक है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को झूठे मामलों में भाजपा की सरकार फंसा रही है। ऐसे कार्यकर्ताओं के मुकदमे लड़ने के लिए कांग्रेस वकील उपलब्ध कराएगी।
अतीक अहमद के मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
अतीक अहमद एनकाउंटर मामले पर सवाल उठाते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि अतीक अहमद घोर आपराधिक परिवार था, माफिया की तरह काम करता था, लेकिन प्रश्न ये है कि अतीक अहमद पिछले 2 माह से पुलिस की कस्टडी में था। बार-बार कह रहा था मेरी जान चली जाएगी, फिर रात 10 बजे पुलिस अतीक को लेकर अस्पताल मेडिकल चेकअप के लिए क्यों गई और जब पुलिस की गाड़ी अस्पताल के अंदर तक जा सकती है। तो फिर अतीक को अस्पताल के बाहर क्यों उतारा गया, फर्जी आई डी कार्ड लेकर पत्रकार बनकर कैसे अपराधी आ गए, उनकी जांच क्यों नही की गई।