BHOPAL. मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में नवंबर माह में विधानसभा चुनाव होंगे। चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी तैयारी में जुट गई है। वहीं कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह चुनाव को देखते हुए प्रदेश में सक्रिय होने जा रहे हैं। 17 फरवरी को दिग्विजय सिंह राजधानी पहुंचेंगे और यहां विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर मंडलम व सेक्टर के अध्यक्षों और कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे।
दौरे से पहले मंडलम सेक्टर की बैठक हुई
दिग्विजय सिंह के दौरे कार्यक्रम से पहले मंडलम सेक्टर की बैठक 15 फरवरी, बुधवार को हुई। इस बैठक में कार्यक्रम को लेकर रणनीति बनाई गई। भोपाल प्रभारी मुकेश नायक ने बैठक की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 17 फरवरी को दिग्विजय सिंह भोपाल आएंगे। वह यहां दो विधानसभा क्षेत्रों में मॉडल, सेक्टर और ब्लॉक अध्यक्षों की बैठक लेंगे।
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दो चरणों में करेंगे कार्यकर्ताओं से मुलाकात
प्रथम चरण में दिग्विजय सिंह 17 फरवरी को भोपाल जिले के बैरसिया और गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर रहेंगे। सुबह 11 बजे बैरसिया में मंडलम व सेक्टर के कार्यकर्ताओं से वन टू वन बातचीत करेंगे। वहीं बैठक के द्वितीय सत्र में बैरसिया विधानसभा क्षेत्र के ब्लॉक कांग्रेस, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, किसान कांग्रेस, एनएसयूआई एवं अन्य समस्त मोर्चा पदाधिकारी कार्यकर्ताओं से भेंट करेंगे। इसके साथ ही 3:30 बजे गोविंदपुरा विधानसभा में मंडलम सेक्टर के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे।
साल 2018 में 110 विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचे थे दिग्विजय सिंह
इससे पहले भी पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने 2018 में विधानसभा चुनाव के पहले अपनी सक्रियता दिखाई थी। उन्होंने नर्मदा यात्रा के जरिए पार्टी का प्रचार किया था। दिग्विजय ने 6 महीने में नर्मदा यात्रा पूरी की थी। इस दौरान उन्होंने समर्थकों के साथ 3300 किमी की पैदल यात्रा पूरी की थी। उनकी ये यात्रा पवित्र नदी के किनारे पर नरसिंहपुर में खत्म हुई थी।
उन्होंने अपनी यात्रा को सामाजिक पहलू से जोड़ते हुए सियासी अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश की थी और काफी हद तक कामयाब भी रहे थे। नर्मदा की दुर्दशा को लेकर उन्होंने शिवराज सरकार को घेरते हुए यात्रा शुरू की थी। उनका कहना था कि गैरकानूनी रेत खनन की वजह से नर्मदा को लगातार नुकसान पहुंच रहा है और सरकार खामोश है। इस यात्रा के दौरान दिग्विजय ने 230 में से 110 विधानसभा सीटों को कवर किया। उनकी यात्रा में भीड़ भी खूब जुटी। उन्होंने इसे यात्रा और सियासत का संगम बना दिया था।