संजय गुप्ता, INDORE. पूर्व सीएम और मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ और राउ विधायक और प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी के बीच में ऑल इज वेल नहीं है। दिल्ली में मध्यप्रदेश के चुनाव को लेकर प्रदेश के नेताओं की अहम बैठक हुई, इसमें कमलनाथ से लेकर दिग्विजय सिंह, विवेक तनखा सहित कई वरिष्ठ नेता पहुंचे लेकिन जीतू पटवारी नहीं थे। बताया जाता है कि उन्हें इस बैठक की खबर ही नहीं थी और ना उन्हें साथ में दिल्ली ले जाया गया। लेकिन जब दिल्ली में बैठक शुरु हुई पटवारी नहीं दिखे तो राहुल गांधी ने ही उन्हें ऑनलाइन जोड़ा और मीटिंग में शामिल किया। इसकी जानकारी खुद जीतू पटवारी ने तो नहीं, लेकिन भाई भरत पटवारी ने ट्विटर पर उनकी फोटो के साथ शेयर करके डाल दी। करीब 2 घंटे तक वे इस मीटिंग में जुड़े रहे।
पटवारी ने भी बैठक की जानकारी, राहुल का वीडियो शेयर किया
जीतू पटवारी ने खुद ऑनलाइन मीटिंग में जुड़ने की जानकारी खुद भले ही शेयर नहीं की है, लेकिन उन्होंने बैठक की जानकारी जरूर अपने अकाउंट पर शेयर की और राहुल गांधी का मध्यप्रदेश में 150 सीट मिलने वाले दावे को भी शेयर किया। इस मीटिंग को लेकर विधायक कमलेश्वर पटेल ने भी कहा कि मीटिंग में दिल्ली से ही उन्हें जोड़ा गया था। दोनों ने मध्यप्रदेश में चुनाव को लेकर सुझाव भी दिए। वहीं बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने इस मौके का फायदा उठाते हुए तंज कसा कि प्रदेश में कांग्रेस एकजुट रहने का दावा कर रही है, लेकिन दिल्ली की बैठक से पटवारी और पटेल को दूर रखने के प्रयासों ने बता दिया कि नाथ सबको साथ लेकर नहीं चलते हैं।
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विधानसभा सत्र से ही दोनों अलग दिख रहे
विधानसभा सत्र में जब पटवारी को निलंबित किया गया था, तब उन्हें उम्मीद थी कि कमलनाथ उनके मुद्दे को उठाएंगे, लेकिन इस मामले में उनकी उम्मीदों के विपरीत अधिक साथ नहीं मिला और पटवारी अलग पड़ गए। इसके बाद वे खुद ही सड़कों पर निकल गए और गेहूं का समर्थन मूल्य को बढ़ाने की मांग उठाने लगे। इंदौर में शहर अध्यक्ष को लेकर भले ही उन्होंने कहा कि मेरा कोई उम्मीदवार नहीं, लेकिन बताया जाता है कि कमलनाथ की मंशा के विपरीत वे अरविंद बागड़ी को शहर अध्यक्ष बनाने के लिए दिल्ली से आदेश करा लाए थे जिन्हें बाद में होल्ड कर दिया गया और अभी भी वे उनके लिए प्रयासरत है। इसके पहले भी जब कमलनाथ महू दौरे पर आए थे, तब पटवारी उनके साथ नहीं गए थे।