Damoh. पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा दमोह पहुंचे, जहां कांग्रेस के नेताओं ने उनका सागर नाका टोल नाके पर स्वागत किया। यहां उन्होंने मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के खून में कई नाम हैं। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी पाखंडी कहा है।
पूर्व मंत्री रविवार शाम दमोह के हटा में आयोजित बुंदेली मेला में अतिथि के रूप में पहुंचे थे। इसके पहले दमोह में उन्होंने मीडिया से बात की। उन्होंने 2023 में कांग्रेस की सरकार बनने का दावा भी किया और कहा कि कांग्रेस 160 सीटें जीतेगी। साथ ही जयंत मलैया को लेकर उन्होंने कहा कि भाजपा को दोगलापन छोड़कर उसे सींचने वाले नेताओं को अपनाना चाहिए।
विधानसभा चुनाव के बाद अपनी सरकार बनने का दावा कर रहे पूर्व मंत्री वर्मा से जब पूछा कि क्या गारंटी है कि सरकार बनने के बाद इस बार कांग्रेस से कोई ज्योतिरादित्य सिंधिया बनकर नहीं निकलेगा। इस पर उन्होंने कहा कि जनता ने अपनी आंखों से देखा है कि जिन्हें हम अपना आदर्श मानते थे, वह आदर्श का सपना टूट गया है। इस बार मध्यप्रदेश की जनता कांग्रेस के लिए कम से कम 160 विधायक जिताकर लाएगी। रही बात ज्योतिरादित्य सिंधिया की, तो उनके खून में कई नाम हैं। जो दोगलापन था, अब वो उनके साथ कांग्रेस से बाहर जा चुका है। अब केवल शुद्ध कांग्रेस के खून वाले लोग ही कांग्रेस में हैं।
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पूर्व मंत्री वर्मा ने बताया कि इस बार पार्टी ने उन्हें वचन पत्र बनाने का जिम्मा सौंपा है और मैं चाहता हूं कि इस वचन पत्र में हर वर्ग को स्थान मिले। एक साल के लिए हमारी सरकार बनी, जो इन भाजपा के भ्रष्टाचारी और पाखंडियों ने चोरी कर ली, लेकिन जनता अब कांग्रेस को बड़ा मेंडेट देना चाहती है। एक साल में हमारी सरकार ने 27 लाख किसानों का साढ़े 11 करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया, लेकिन शिवराज जैसे पाखंडी मुख्यमंत्री जब भाषण देते हैं, तो कहते हैं कांग्रेस ने कोई कर्ज माफ नहीं किया और जब हम विधानसभा में सवाल करते हैं, तो लिखित में देते हैं कि हां काग्रेस ने 27 लाख किसानों का 11.50 करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया है।
विधानसभा चुनाव में दमोह में जयंत मलैया का क्या प्रभाव होगा। इस सवाल पर पूर्व मंत्री वर्मा ने कहा कि जयंत मलैया भाजपा के पुरोधा पुरुष हैं, जिन्होंने अपने खून पसीना एक कर पार्टी को सींचा है, लेकिन भाजपा इतनी गद्दार पार्टी है कि जो लोग इसे सींचते हैं, वो उसे ही किनारे कर देते हैं। इसमें जयंत मलैया के अलावा लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिंन्हा जैसे कई नाम शामिल हैं, जिन्हें उसने उठाकर बाहर कर दिया। उसमें जयंत मलैया भी शामिल हैं, वे बेहद मजबूत आदमी हैं, लेकिन अभी कुंठा से भरे हुए हैं। बीते दिनों उनका जो कार्यक्रम हुआ था उसमें उनकी कुंठा मंच पर बाहर निकलकर आ गई थी। इसलिए भाजपा को सतर्क रहना चाहिए, कि दोगलापन ना करे और जो अपना है वो अपना है। इसलिए भाजपा जीत तो सकती ही नहीं है।