Indore. जांच के बाद अनियमितताओं को लेकर चर्चा में आए अक्षर नर्सिंग कॉलेज के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई तो ढीली पड़ गई है लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग ने एमवाय हॉस्पिटल के उन चार नर्सिंग कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है जिन पर अक्षर कॉलेज से जुड़े होने के आरोप लगे थे।
जिन कर्मचारियों को निलंबित किया है उनमें किरण सांगले, निशा गुप्ता, रश्मि मेढ़ा, और चंपा मौर्य है। इनमें किरण सांगले पर आरोप लगे हैं कि अक्षर नर्सिंग कॉलेज में प्रवेश देने के नाम पर उसने विद्यार्थिंयों को धोखा दिया। जिस इमारत में कॉलेज होना बताया था वहां भैंसे बंधी थी और अनाज सुखाया जा रहा था। बाकी तीनों कर्मचारियों पर भी सांगले का साथ देने के आरोप लगे हैं। प्रशासन की जांच के दौरान चारों की लिप्तता के तथ्य सामने आए थे।
प्रशासन ने की थी निलंबन की सिफारिश
गौरतलब है कि कॉलेज में अनियमितताओं को लेकर कुछ विद्यार्थियों ने प्रशासन को शिकायत की थी। प्रशासन ने जब कॉलेज की जांच की तो उन्हें विद्यार्थियों से एमवाय हॉस्पिटल की कुछ नर्सों और कर्मचारियों के लिप्त होने की जानकारी भी मिली थी । उसके बाद प्रशासन ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को लिखा था कि जिन कर्मचारियों के नाम अक्षर कॉलेज की अनियमितता में जुड़े हैं उन्हें निलंबित किया जाए। उधर, एमजीएम मेडिकल कॉलेज ने भी इसकी जांच के लिए समिति बनाई है।
कई विद्यार्थियों के दस्तावेज अटके
मामले में प्रशासन ने शुरू में जांच में बहुत तेजी दिखाई थी। कॉलेज प्रशासन को भी पक्ष रखने के लिए बुलाया था। विद्यार्थी भी लगातार अपर कलेक्टर पवन जैन के यहां हाजिरी दे रहे थे, इससे हुआ यह कि शुरू में कई विद्यार्थियों को उनके दस्तावेज आदि मिल गए लेकिन बाद में मामला उलझ जाने से जांच भी कमजोर पड़ गई और कई विद्यार्थियों के दस्तावेज भी अटक गए।