Jabalpur. जबलपुर के गोरखपुर थाने में मंडला की रहने वाली युवती ने नौकरी लगवाने के नाम पर 53 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर एक आरोपी को भी हिरासत में ले लिया है। वहीं इस खबर पर लोगों को विश्वास भी नहीं हो रहा है, क्योंकि किसी को यह विश्वास नहीं हो पा रहा कि आखिर एक नौकरी के लिए कोई इतनी बड़ी रकम कैसे दे सकता है।
सप्लीमेंट्री में पास कराने से हुई शुरूआत
थाना प्रभारी एसपीएस बघेल ने बताया कि पीड़ित युवती वार्ता सोनी ने शिकायत में बताया है कि वह बीए की पढ़ाई कर रही है। उसके भाई को दसवीं कक्षा में सप्लीमेंट्री आई थी। उसके बाद पड़ोसी संजीव उद्वे ने हिमांशु यादव नाम के शख्स का नंबर दिया। उसने खुदको सुखसागर वैली पोलीपाथर का निवासी बताया और बंदरिया तिराहे पर ऑफिस होनेे का झांसा दिया। जबकि वह असल में उड़िया मोहल्ला का रहने वाला था। हिमांशु ने भाई को पास कराने का भरोसा दिलाया और उसके बाद दोनों की सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा दिया और साल 2020 से 2021 के बीच किश्तों में 53 लाख 10 हजार रुपए नकद, दो ब्लैंक चेक और दस्तावेज ले लिए।
पैसे वापस मांगने पर करने लगा आनाकानी
युवती ने शिकायत में बताया है कि साल-डेढ़ साल तक इंतजार के बाद जब नौकरी नहीं लगी तो उन्हें शक होने लगा। जब उसने युवक से पैसे वापस मांगे तो वह आनाकानी करने लगा। फिलहाल शिकायत पर पुलिस ने हिमांशु यादव पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है, वहीं इस मामले में कुछ अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया जा सकता है।
पैसा डूबने की बात कहकर ऐंठता रहा पैसे
पीड़िता का कहना है कि जब उसने एक बार हिमांशु को बड़ी रकम दे दी तो वह उक्त रकम डूब जाने का डर दिखाकर उससे किश्तों पर लाखों रुपए ऐंठता रहा। यहां तक कि रकम डूब जाने के डर में उसे अपनी मां के जेवरात बेचकर रकम देना पड़ी। युवती ने बताया कि आरोपी ने उसे कुछ लोगों को रेलवे का अधिकारी बताकर मिलवाया था। पुलिस अब हिमांशु और उसका साथ देने वाले लोगों का भी पता लगा रही है।