Damoh. स्मार्ट मोबाइल फोन बच्चों की पढ़ाई के लिए जितने जरूरी है वह उतने ही घातक भी होते जा रहे हैं क्योंकि छात्र ऑनलाइन पढ़ाई के साथ मोबाइल गेम के शौकीन हो जाते है और यही शौक उनकी जान का दुश्मन बन जाता है। दमोह में फ्री फायर गेम ने एक परिवार का चिराग बुझा दिया। दमोह के एमपीएम नगर निवासी 17 साल के छात्र विकास सिंह लोधी ने फ्री फायर गेम की लत के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच में लिया है।
पिता वीरेंद्र सिंह ने दीपावली पर बेटे को पढ़ाई के लिए स्मार्ट फोन गिफ्ट किया था, लेकिन उसे ऑनलाइन गेम की लत लग गई। सुबह 7 बजे जब पिता ने उसे गेम खेलते देखा तो मोबाइल छीन लिया और कुछ मिनट बाद ही उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। तेजगढ़ के टौरी गांव निवासी वीरेंद्र सिंह लोधी बच्चों की पढ़ाई के लिए दमोह के एसपीएम नगर में बेटे विकास सिंह लोधी , बेटी दिपाशा लोधी और पत्नी यशोदा सिंह के साथ किराए के मकान में रहते हैं। सुबह वीरेंद्र अपनी बेटी दिपाशा को कोचिंग से लेने के लिए गए थे। कोचिंग से लौटने पर बहन दिपाशा ने भाई के रूम का दरवाजा खटखटाया, लेकिन 15 मिनट तक दरवाजा नही खुला जिस पर परिजनो को संदेह हुआ और उन्होंने खिड़की से कमरे के अंदर झांककर देखा तो विकास फंदे पर लटका हुआ था।
यह देखते ही परिजनो के होश उड़ गए उन्होंने दरवाजा तोड़ा और विकास को फंदे से उतारकर इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर आए जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। कोतवाली टीआई विजय सिंह राजपूत ने बताया मर्ग कायम किया है और मामला जांच में लिया है, इकलौते बेटे की मौत से पिता वीरेंद्र सिंह लोधी का रो रोकर बुरा हाल है। पिता ने बताया बेटा विकास सुबह 5 बजे उठा और रनिंग करने गया वहां से वापस लौटा तो मोबाइल पर गेम खेलने लगा। यह देखते ही मैंने मोबाइल छीन लिया और मोबाइल अपने साथ लेकर बेटी को कोचिंग लेने चला गया और वापस आने पर बेटा फंदे से झूलता मिला।
दमोह में फ्री फायर गेम की लत के कारण मौत होने का यह दूसरा मामला प्रकाश में आया है। एक महीने पूर्व एक युवक को उसके परिजन संदिग्ध परिस्थितियों में जिला अस्पताल लेकर आए थे जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया था। मृतक का तीन महीने पहले विवाह हुआ था और पत्नी का कहना था की पति मोबाइल पर फ्री फायर गेम खेल रहे थे। गेम खेलने के बाद मुंह से झाग आने लगा और अस्पताल पहुंचने पर डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया था। उसके बाद यह दूसरा मामला है जिसमे फ्री फायर गेम की लत से एक छात्र की जान चली गई।