उज्जैन. Mobile गेमिंग की लत (Gaming Addiction) को लेकर कई बारे ऐसी खबरें सुनने में आया करती है, जिसमें घर के बच्चे अपने माता-पिता के अकाउंट से लाखों रुपये गेम पर खर्च कर दिया करते थे। अब ऐसी ही एक खबर Free Fire गेम को लेकर आई है। जहां, मध्यप्रदेश के उज्जैन (Ujjain) में 10वीं के छात्र ने ना सिर्फ अपनी मां के अकाउंट से पैसे निकाले, बल्कि अपने अपहरण (Kidnapping) की झूठी साजिश भी रची। आइए आपको बताते हैं, इस बच्चे की करतूत के बारे में...
क्या है पूरा मामला
यह घटना मध्यप्रदेश के उज्जैन की है, जहां 28 अक्टूबर की रात को दसवीं क्लास का छात्र घर से भाग गया और अपने अपहरण की झूठी कहानी रची। इतना ही नहीं खुद को चोट भी पहुंचाई। जब पुलिस ने उसे पकड़ा तो पूरे मामले का खुलासा हुआ। दरअसल, इस बच्चे को फ्री फायर गेम खेलने की बुरी लत थी और इस गेम में डायमंड और पैक्स खरीदने के लिए उसने अपनी मां के अकाउंट से 1500 रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए। इसके बाद मां की डांट से बचने के लिए उसने अपने अपहरण की झूठी कहानी रची।
उज्जैन से इंदौर भागने के बाद राजवाड़ा क्षेत्र में कुछ लोगों को यह बच्चा रोता हुआ मिला। जिसके बाद लोग उसे सराफा थाने लेकर पहुंचे। उसने पुलिस को बताया कि कोचिंग जाते वक्त उज्जैन के निकास चौराहे पर 2 बदमाशों ने उसे बेहोश कर कार की डिक्की में डाला और उसकी खूब पिटाई की, लेकिन मौका मिलते ही वह बदमाशों के चंगुल से भाग निकला। इंदौर पुलिस ने बच्चे के मां-बाप को बुलाया और बच्चा उन्हें सौंप दिया।
ऐसे हुआ झूठी साजिश का खुलासा
उज्जैन कोतवाली पुलिस ने जब पूरे मामले की जांच की, तो पता चला कि बच्चा अपने अपहरण की झूठी साजिश कर रहा था। इस दौरान वह पुलिस के सामने बार-बार अपना बयान बदलता रहा, जिस पर पुलिस को शक हुआ। बाद में उसने अपनी गलती मानी और बताया कि मोबाइल फोन पर फ्री फायर गेम खेलने के चलते उसे गेम में डायमंड और कुछ पैक्स खरीदने के लिए पैसों की जरूरत थी, इसलिए उसने अपने मां के अकाउंट से 15 सौ रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर किए, लेकिन इसका मैसेज उनके फोन पर आ गया। ऐसे में परिवार वालों की डांट से बचने के लिए उसने अपहरण की कहानी रची और दीवार पर हाथ मारकर खुद को घायल भी किया।
49 संस्थाओं कर रही तैयारी
शत्रुघ्न घाट पर दीयों का संयोजन कर रहे विजेंद्र कुमार दुबे ने बताया कि उनकी संस्था सपना फाउंडेशन के जैसे 49 संस्थाओं के आयोजक यहां दीपक लगाने के कार्यक्रम में जुटे हुए हैं। हम सब मिलकर 10 लाख से ज्यादा दीपक लगाएंगे जिससे कुछ दीपक कम जलें तो भी कम से कम 9,51,000 दीपक जलते रहें और रिकॉर्ड दीपक जलाने का उनका उद्देश्य आसानी से पूरा हो सके।