संजय गुप्ता, INDORE. द सूत्र की खबर का बड़ा असर शासन और जीएडी (सामान्य प्रशासन विभाग) पर हुआ है। उप सचिव जितेंद्र सिंह ने अधिकारियों को ट्रेनिंग के लिए भोपाल रिपोर्ट नहीं करने और अपने जिलों में ही बने रहने के आदेश को वापस ले लिया है। शाम को सभी अधिकारियों को नया मैसेज वाट्सअप पर किया गया, जिसमें अब ट्रेनिंग के लिए केवल जिला पंचायत सीईओ को रोका गया है। जो अपर कलेक्टर पद पर है, उन्हें ट्रेनिंग के लिए नरोन्हा एकेडमी में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है। कुल 33 अपर कलेक्टर स्तर के अधिकारी ट्रेनिंग के लिए चुने गए थे। इसमें से चार सीईओ को रोक दिया गया है। बाकी 29 अधिकारी अब ट्रेनिंग पर जाएंगे और इन सभी को अब भोपाल में रात तक रिपोर्ट करना है।
यह है सीईओ पद पर, जो अब नहीं जाएंगे
लिस्ट के अनुसार सीईओ जिला पंचायत पद पर ईला तिवारी (उमरिया), डॉ. इच्छित गढपले (मुरैना), सुनीता खंडायत (नरसिंहपुर), उमराव सिंह मरावी (शिवपुरी) है। इन सभी को रोक दिया गया है। बाकी अधिकारी अब ट्रेनिंग के लिए नैनीलात, लंदन और भोपाल में रहेंगे।
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पहले सभी को भोपाल आने से रोक दिया था
सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने प्रदेश के 33 अपर कलेक्टर स्तर के सीनियर राज्य सेवा अधिकारियों को अप्रैल फूल बनाते हुए रविवार दोपहर में मिड करियर ट्रेनिंग के लिए भोपाल आने से रोकने के आदेश वाट्सअप पर जारी कर दिए थे। जबकि 17 मार्च 2023 के जीएडी के उपसचिव जितेंद्र सिंह के ही आदेश थे कि सभी अधिकारियों को रविवार ( दो अप्रैल) को शाम छह बजे तक भोपाल की नरोन्हा प्रशासनिक एकादमी में रिपोर्ट करना था। कई लोग रिलीव होकर भोपाल के लिए रवाना हो गए। इसमें कुछ तो भोपाल पहुंच भी गए और तभी दोपहर में जीएडी उप सचिव जितेंद्र सिंह का मैसेज आता है कि जो जिस जिले में, मुख्यालय में हैं वह वहीं बना रहे। यह ट्रेनिंग चार अप्रैल से पांच मई तक होना थी, जिसमें अधिकारियों को नैनीताल और भोपाल की ट्रेनिंग के साथ ही लंदन में 22 से 29 अप्रैल तक ट्रेनिंग लेना है। इसके लिए कई अधिकारियों ने विदेश जाने के हिसाब से लगेज, कपड़ों खासकर प्रोटोकाल के हिसाब से बंद गले के कोर्ट से लेकर अन्य तैयारियों पर ही भारी खर्चा कर दिया था। जिनके पास पासपोर्ट नहीं था, उन्होंने अपने पासपोर्ट बनवा लिए थे।
सरकार के भी लाखों रुपए टिकट कैंसिल में लग जाते
बताया जा रहा है कि अधिकारियों ने जो खर्चा किया सो किया, लेकिन खुद सरकार का भी इस ट्रेनिंग व्यवस्था और खासकर लंदन टिकट की बुकिंग और वहां ट्रेनिंग के लिए तैयारी में ही लाखों रुपए लगे हैं। ट्रेनिंग कैंसल होने पर सरकार को भी लाखों का बेवजह का खर्चा आता।
ट्रेनिंग के लिए लिस्ट में इन अधिकारियों के हैं नाम
बेच 2005 के गंजन सिंह धुर्वे, बेच 2006 के रेखा राठौर, राकेश कुशरे, निशा डामर, भूरला सिंह सोलंकी, शालिनी श्रीवास्तव, काशीराम भड़ोले, बेच 2007 के रानी पासी, माधवी नागेंद्र, वर्षा सोलंकी, बेच 2008 के मीना मेशराम, विवेक रघुवंशी, हद्येश कुमार श्रीवास्तव, रजनीश कसेरा, माहिप किशोर तेजस्वी, मिलिंद नागदेव, राजकुमार खत्री,, सुरभि तिवारी,, नेहा भारतीया, लक्ष्मी गामड़, प्रवीण फुलपगारे, शंकर लाल सिंघाडे, अशोक जाधव व अन्य।