भोपाल में स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आने कवायद तेज, राजधानी की जिला पंचायतों में ऐप के जरिए होगा कचरे का कलेक्शन

author-image
BP Shrivastava
एडिट
New Update
 भोपाल में स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आने कवायद तेज, राजधानी की जिला पंचायतों में ऐप के जरिए होगा कचरे का कलेक्शन

BHOPAL. स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आने के लिए मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में नए-नए प्रयोग होना शुरू हो गए हैं। ऐसा ही एक प्रयोग इन दिनों जिला पंचायत भोपाल की 222 ग्राम पंचायतों ने शुरू कर दिया है। दरअसल, इन ग्राम पंचायतों में इन दिनों मोबाइल ऐप के माध्यम से कचरा कलेक्शन किया जा रहा है। इससे ना सिर्फ स्वच्छता की मॉनिटरिंग में तेजी आई है, बल्कि किस पंचायत से कितना कचरा एकत्र हुआ है इसकी रिपोर्ट अधिकारी कभी भी एक क्लिक से देख सकेंगे। 



ईंटखेड़ी स्थित एमआरएफ सेंटर से संचालन



भोपाल जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी ऋतुराज सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायतों को स्वच्छ बनाए रखने की दिशा में वृहद स्तर पर कार्य किया जा रहा है। कचरा एकत्र करने की जानकारी ऐप पर मिलने के आधार पर ही कचरा गाड़ियों को संबंधित जिला पंचायत में भेजा जाएगा और कचरा एकत्र कर ईंटखेड़ी स्थित एमआरएफ सेंटर पर वापस आएगी। यहीं इसका  कंट्रोल रूम से संचालन किया जा रहा है।



ये भी पढ़ें...








कचरे की बनी 11 श्रेणियां



स्वच्छ भारत मिशन से जुड़े अधिकारियों का कहना है इस प्रोजेक्ट के लिए जिले की 222 जिला पंचायतों को 27 क्लस्टर में विभाजित किया गया है। एक क्लस्टर में 5 से 7 जिला पंचायतों को शामिल किया गया है। कौन सा कचरा कितना है, इसके लिए कचरे को 11 श्रेणियों बनाई गई हैं। इसमें जूते, चप्पल, पुराने टायर, कपड़ों से लेकर टीन शेड, कांच को भी शामिल किया है। प्रति किलो के हिसाब से सभी के दाम भी ऐप में दर्ज किए गए हैं।



94125 घरों से प्रतिदिन निकलता है 131 मीट्रिक टन कचरा



राजधानी की 222 ग्राम पंचायतों में लगभग 94,125 घर हैं, इनमें लगभग साढ़े 5 लाख की आबादी निवास करती है। इन घरों से रोजाना 105 मीट्रिक टन गीला और 26 मीट्रिक टन सूखा कचरा निकलता है। गीले कचरे से गांव में खाद और पिट में चला जाता है। वहीं सूखे कचरे की 11 श्रेणियों में बांटकर उसको उठाने में 140 इलेक्ट्रिक वाहन लगाए गए हैं।



कचरे से बनेगी सड़क



मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण (एमपीआरआरडीए) के साथ हुए अनुबंध के बाद जिला पंचायत ने साढ़े चार क्विंटल प्लास्टिक वेस्ट को प्रोसेस कर एमपीआरआरडीए को बेचा है। इस कचरे से एमआरएफ सेंटर, मटेरियल फैसिलिटी सेंटर में सड़क बनाने का मटेरियल तैयार किया जाएगा। कचरे की इस रिसाइकिल से सड़कों की लागत में 30 फीसदी तक की कमी आएगी। 



इस दाम में खरीद सकते हैं कचरा




  • जूता, चप्पल - 1 रुपए किलो


  • पुष्टा, कार्ड बोर्ड - 10 रुपए किलो

  • बाल्टी, टब, पेंट की बाल्टी - 15 रुपए किलो

  • मिक्स प्लास्टिक - 17 रुपए किलो

  • टीन शेड - 21 रुपए किलो

  • फट्टी, बोरी - 1.5 रुपए प्रति किलो

  • टायर - 9 रुपए किलो

  • कांच - 1 रुपए किलो


  • भोपाल न्यूज MP News Bhopal News मोबाइल ऐप वेस्ट कलेक्शन मप्र स्वच्छता सर्वेक्षण mobile app waste collection mp cleanliness curvey एमपी न्यूज