नरसिंहपुर में गौरीशंकर बिसेन फिर बोले- बालाघाट से अब नहीं लड़ना चुनाव, मप्र पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग अध्यक्ष हैं बिसेन

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नरसिंहपुर में गौरीशंकर बिसेन फिर बोले- बालाघाट से अब नहीं लड़ना चुनाव, मप्र पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग अध्यक्ष हैं बिसेन

बृजेश शर्मा, Narsinghpur. पूर्व कृषि मंत्री एवं मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन आगामी विधानसभा चुनाव में बालाघाट छोड़कर दूसरा चुनाव क्षेत्र तलाश रहे हैं। उन्होंने यहां बालाघाट छोड़कर कहीं दूसरे क्षेत्र से चुनाव लड़ने की इच्छा बतलाई। बता दें कि इससे पहले गौरीशंकर बिसेन छिंदवाड़ा से भी कमलनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने ताल ठोंक चुके हैं। बालाघाट से चुनाव न लड़ने के पीछे स्थानीय सांसद और संगठन में उनका विरोध भी बड़ा कारण बताया जा रहा है। हालांकि बिसेन इस बात से इनकार करते हैं। 



दीपक जोशी के लिए कहा- जिसको जहां जाना है वह जाएगा



मप्र पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन द सूत्र से यहां बातचीत कर रहे थे। मंगलवार की रात को वह नरसिंहपुर अल्प प्रवास पर थे। इस दौरान उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि वह बालाघाट छोड़कर कहीं से भी चुनाव लड़ लेंगे। पूर्व मंत्री  दीपक जोशी के कांग्रेस में शामिल होने एवं अन्य लोगों की बयानबाजी पर कहा कि जिसको जहां जाना है वह जाएगा ही अब इसका कोई अर्थ नहीं है। 




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  • बिसेन ने बालाघाट के लालबर्रा तहसील में नेवारगांव में 18 मई से तीन दिवसीय किसान सम्मेलन एवं कृषि प्रदर्शनी के आयोजन का जिक्र करते हुए कहा कि यह क्षेत्र के किसानों के लिए एक बेहतर अवसर होगा जिसमें वह अपने नए प्रयोग और उत्पाद का प्रदर्शन कर सकेंगे। इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल तथा उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी शामिल होंगे। उन्होंने बालाघाट जिले के चिन्नौर व नरसिंहपुर जिले में बासमती चावल उत्पादन हेतु स्थितियों की अनुकूलता की बात की,कृषि के साथ दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में लगातार उपलब्धि हासिल करने के प्रयासों की जरूरत बताई ।  



    बिसेन ने बताया कि 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस पर शहद एक्सपो भी बालाघाट में लगेगा। बालाघाट जिले को भारत में मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में पुरस्कार मिलने पर इसको प्रदेश की उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि हम आदिवासी बहुल क्षेत्र में आदिवासियों की आय बढ़ाने के लिए भी प्रदेश में लगातार कार्य कर रहे हैं और इसी के लिए मधुमक्खी, मछली पालन व झींगा उत्पादन प्रोजेक्ट पर कार्य करना हमारी प्रमुखता रही है । बालाघाट में 3 दिवसीय इस आयोजन के माध्यम से हम कृषि क्षेत्र में नए-नए प्रयोग और जैविक के साथ-साथ प्राकृतिक कृषि उत्पादों से रूबरू कराएंगे। 


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