BHOPAL. भोपाल की सबसे विवादित रोहित हाउसिंग सोसाइटी के मास्टरमाइंड और पूर्व बीजेपी नेता घनश्याम सिंह राजपूत को 4 साल की सजा सुनाई गई है। घनश्याम सिंह राजपूत रोहित गृह निर्माण सहकारी समिति का संस्थापक अध्यक्ष रहा है। ये सजा CBI की स्पेशल कोर्ट ने सुनाई है। इसी मामले में आरोपी घनश्याम की पत्नी को भी अदालत ने 1 साल की जेल और जुर्माने की सजा सुनाई है। बता दें कि घनश्याम राजपूत रेलवे में क्लर्क था। 2007 में सीबीआई ने राजपूत के घर से रोहित सोसाइटी की 137 बेनामी संपत्ति के दस्तावेज जब्त किए थे जिसके बाद में वो रेलवे से सस्पेंड हो गया था। राजपूत के खिलाफ प्लॉट आवंटन में करोड़ों की धोखाधड़ी के केस दर्ज हुए थे। राजपूत प्रधानमंत्री जनकल्याण योजना प्रकोष्ठ का प्रदेश सह संयोजक था।
यह है पूरा मामला
घनश्याम सिंह राजपूत के खिलाफ रोहित गृह निर्माण सोसायटी के नाम पर 22.70 करोड़ की हेराफेरी के मामले में EOW ने FIR दर्ज की थी। आरोप लगा कि उसने संस्था के अकाउंट से करोड़ों की हेराफेरी की थी और सोसायटी के रिकॉर्ड को जानबूझकर गायब कर दिया था। राजपूत के खिलाफ फर्जीवाड़े की पहली शिकायत EOW में 2009 में दर्ज हुई थी। इसके बाद जिला प्रशासन ने घनश्याम राजपूत के अवैध निर्माण पर कार्रवाई की थी। इन सबसे बचने के लिए उस समय घनश्याम ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली थी और अपने समाज का अध्यक्ष भी बन गया था। मध्यप्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने विधानसभा में आरोप लगाया था कि रोहित सोसायटी में सीएम शिवराज सिंह चौहान और उनके करीबियों को नियम के विरूद्ध प्लॉट दिए गए थे। राजपूत ने खुद अपने और पत्नी संध्या सिंह के नाम से सोसायटी में 2003 में दो प्लॉट लिए थे। इसके बाद 2005 में वो खुद सोसायटी में शामिल हो गया। आरोप है कि 350 लोगों को प्लॉट का झांसा देकर उसने 16 करोड़ वसूले, लेकिन प्लॉट किसी को नहीं दिया।
कोर्ट ने 65 लाख रुपए का जुर्माना लगाया
घनश्याम राजपूत को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में सीबीआई कोर्ट ने 4 साल की सजा सुनाई है। सीबीआई एसीबी भोपाल ने 28 फरवरी 2007 को राजपूत के खिलाफ केस दर्ज किया था। कोर्ट ने घनश्याम सिंह राजपूत को 4 वर्ष की जेल और 65 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। जुर्माना अदा न करने की दशा में 1 साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई। जबकि उसकी पत्नी संध्या सिंह को 1 साल की सजा और 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया।