Jabalpur. जबलपुर में मिशनरी संस्था मैथोडिस्ट चर्च को आवंटित जमीन की बंदरबांट के आरोप में घिरे संस्था के कार्यपालिक सचिव मनीष एस गिडियन को ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर दिया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। इस मामले में बिशप एम ए डेनियल और कोषाध्यक्ष एरिक पी नाथ की गिरफ्तारी होना शेष है। दोनों फिलहाल फरार बताए जा रहे हैं। प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत में ईओडब्ल्यू ने गिडियन को पेश किया था। मामला क्रिश्चियन हाई स्कूल के लिए लीज पर मिली जमीन के व्यावसायिक उपयोग का है। जिस पर ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज की थी।
बता दें कि हाल ही में इस मामले में अदालत ने बिशप डेनियल, मनीष गिडियन और एरिक नाथ की अग्रिम जमानत याचिका नामंजूर कर दी थी। जिसके बाद से ईओडब्ल्यू ने तीनों की धरपकड़ के प्रयास तेज कर दिए थे। जिसके चलते ईओडब्ल्यू की टीम को गिडियन की गिरफ्तारी करने में सफलता हाथ लगी।
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अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक सारिका यादव और आपत्तिकर्ता की ओर से अधिवक्ता क्रिस्टोफर एंथनी ने जमानत का विरोध किया था। कोर्ट ने अपने आदेश में टिप्पणी की थी कि आर्थिक आधारों पर दर्ज केस का सीधा संबंध सामाजिक परिवेश से होता है। यदि इस प्रकृति के प्रकरणाों में उदारतापूर्ण रवैया अपनाया गया तो इसका समाज पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
यह है मामला
आरोपितों ने क्रिश्चियन हाईस्कूल के लिए आवंटित जमीन पर व्यावसायिक निर्माण कराया। भू-भाटक जमा नहीं किया गया। इस तरह आर्थिक अपराध कर शासन को क्षति पहुंचाई गई। वहीं सरकारी खजाने में 7 करोड़ 62 लाख 16 हजार रुपए की राशि जमा नहीं कराने के भी आरोप हैं। ईओडब्ल्यू के डीएसपी मंजीत सिंह ने बताया कि चर्च को पीली कोठी के पास नजूल की जमीन का पट्टा आवंटित किया गया था। जिसे मनीष गिडियन समेत मैथोडिस्ट चर्च इन इंडिया के तत्कालीन सुप्रिटेंडेंट रेव जान आरए साइमन, उप मुख्य निरीक्षक विद्युत रवि कुमार प्रसाद, चर्च के बिशप एमए डेनियल और ट्रेजरार एरिक नाथ ने पट्टों का पंजीयन नहीं कराया और न ही भू बटांक की राशि शासन के खाते में जमा की। बावजूद इसके वहां भवन निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया।