Jabalpur. जबलपुर हाईकोर्ट ने सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए पैरामेडिकल कॉलेजों से छात्रवृत्ति के नाम पर ली गई 24 करोड़ रुपए की रकम वसूलने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने सरकार को एक दिन की मोहलत और दी है, मामले में अगली सुनवाई 26 अप्रैल को नियत की गई है। आज की सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की डबलबेंच के समक्ष सरकार ने एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश की। जिसमें सरकार ने बताया कि उसने एक पैरामेडिकल कॉलेज से 4 लाख और एक अन्य संस्था से 76 हजार रुपए और वसूल लिए हैं। सरकार ने बताया कि बचे हुए पैरामेडिकल संस्थाओं से वसूली के लिए आरआरसी तथा कुर्की वारंट भी जारी किए गए हैं।
- यह भी पढ़ें
8 साल में नहीं वसूले 24 करोड़
सरकार द्वारा पेश एक्शन टेकन रिपोर्ट पर नाखुशी जताते हुए अदालत ने फिर फटकार लगाई, जिसके बाद केस की सुनवाई लंच के बाद पुनः रखी गई। दूसरे चरण की सुनवाई में सरकार ने एक दस्तावेज पेश कर बताया कि 2 कॉलेजों के बैंक अकाउंट भी सीज कर दिए गए हैं। बाकी के कॉलेजों पर भी त्वरित रूप से कार्रवाई की जा रही है। इसके बाद अदालत ने शेष राशि की वसूली के लिए सरकार को 1 दिन की मोहलत देते हुए 26 अप्रैल को मामले की अगली सुनवाई नियत कर दी।
यह था मामला
साल 2010 से 2015 के बीच प्रदेश भर के पैरामेडिकल कॉलेजों द्वारा फर्जी छात्रों को प्रवेशित दिखाकर राज्य शासन से स्कॉलरशिप के नाम पर लंबी राशि आहरित की थी। इस मामले में लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष, अधिवक्ता विशाल बघेेल द्वारा दायर याचिका पर सरकार की ओर से अदालत में जवाब दिया गया कि 100 से ज्यादा पैरामेडिकल कॉलेजों से 24 करोड़ की राशि की वसूली की जानी थी, जिसमें से महज 4 करोड़ 67 लाख रुपए की वसूली ही हो पाई है। सरकार ने अपने जवाब में यह भी बताया कि इंदौर खंडपीठ में अनेक पैरामेडिकल कॉलेजों की अर्जी के चलते वसूली पर स्टे लगा हुआ है। इंदौर खंडपीठ में लंबित मामले में जिन कॉलेजों को राहत मिली थी उनसे करीब 5 करोड़ रुपए की वसूली की जानी थी, लेकिन बावजूद इसके 8 साल में शासन बचे हुए 14 करोड़ रुपए की वसूली नहीं कर पाया है।