Jabalpur. मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश के सभी नगर निगमों में आने वाली अवैध कॉलोनियों को वैध करने जा रही है। इसके लिए बिना किसी कंपाउंडिंग शुल्क के कॉलोनियों को वैध कर दिया जाएगा। जिससे वहां सड़क, बिजली और पानी की सुविधा आसानी से उपलब्ध हो सकेगी। जबलपुर की बात की जाए तो यहां तकरीबन 250 ऐसी कॉलोनियां हैं जो अवैध की श्रेणी में आती हैं। यदि इन्हें बिना किसी कंपाउंडिंग शुल्क के वैध कर दिया जाता है तो इससे नगर निगम को करीब 500 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है।
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महापौर ने जताया विरोध
जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने सरकार की इस योजना का खुला विरोध कर दिया है। उनका कहना है कि यह महज चुनावी घोषणा है जो कभी जमीन पर नहीं उतर पाएगी। उन्होंने कहा कि जब तक हमारे पास कोई लिखित आदेश नहीं आता, तब तक बिना शुल्क अवैध कॉलोनियों को वैध नहीं किया जाएगा। अन्नू ने कहा कि विकास शुल्क की सामान्य प्रक्रिया दशकों से चली आ रही है, जो रोकी नहीं जा सकती। अब यह शुल्क भले हमें लोगों से मिले या सरकार से हम इसे लेकर रहेंगे।
माना जा रहा है कि यह घोषणा अवैध कॉलोनाइजर्स के गोरखधंधे पर पर्दा डालने जैसी है। उधर मुख्यमंत्री यह ऐलान कर चुके हैं कि अवैध कॉलोनियों को बैंक गारंटी भी दी जाएगी। हालांकि सीएम ने यह भी साफ किया कि इसके बाद यदि कोई अवैध कॉलोनी बनती है तो इसके लिए अधिकारियों को दोषी माना जाएगा।
क्या कहते हैं नियम?
अवैध कॉलोनी या निर्माण को वैध करने के लिए विकास शुल्क के साथ-साथ कंपाउंडिंग शुल्क भी लिया जाता है। कॉलोनी के हर एक घर से हजार रुपए नक्शा शुल्क, 1000 जल कर और 1000 की दर से मलबा टैक्स जुड़ता है। सरकार मध्यप्रदेश पालिका कॉलोनी विकास नियम 2021 लाई है जिसके तहत वर्तमान में कॉलोनियों को अनुमति देने की प्रक्रिया की जा रही है।