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राहुल शर्मा, SAGAR. मध्यप्रदेश के राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को 50 एकड़ जमीन दान में मिली है। न केवल मंत्री बल्कि उनकी पत्नी सविता सिंह और बेटे आदित्य सिंह को भी जमीन दान में दी गई है। मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के ससुराल पक्ष के लोगों ने उन्हें ये जमीन दान में दी है। जमीन के इस दान में कुछ भी गैरकानूनी नहीं है, लेकिन बीजेपी के ही पूर्व नेताओं ने इस पर सवाल उठाए हैं।
मंत्री के सालों ने दान की जमीन
सागर से 15 किमी पहले भोपाल-सागर रोड पर एक गांव है भापेल। इसी भापेल गांव में सागर निवासी कल्पना सिंघई की अलग-अलग खसरा नंबर की जमीन थी। मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के साले हिमाचल सिंह राजपूत और करतार सिंह राजपूत ने 8 सितंबर 2021 को खसरा नंबर 1322, रकबा 0.176 हेक्टेयर, खसरा नंबर 1323, रकबा 2.88 हेक्टेयर, खसरा नंबर 1327, रकबा 2.335 हेक्टेयर... जमीन कल्पना सिंघई से खरीदी थी। इन्हीं जमीनों को हिमाचल ने अलग-अलग तारीखों में अपने जीजा गोविंद सिंह, बहन सविता और भांजे आदित्य को दान में दी। 29 अगस्त 2022 को खसरा नंबर 1327 रकबा 2.335 हेक्टेयर जमीन जीजा गोविन्द सिंह को दान में दी। 3 अगस्त 2022 को बहन सविता को खसरा नंबर 1322 रकबा 0.176 हेक्टेयर जमीन दान में दे दी और 25 जुलाई 2022 को खसरा नंबर 1327 रकबा 2.335 हेक्टयेर जमीन भांजे आदित्य को दान में दे दी।
द सूत्र पहुंचा मंत्री जी की ससुराल
राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की ससुराह गिरहनी गांव में है, जो भापेल गांव से 80 किमी दूर है। गोविंद सिंह के साले हिमाचल सिंह से मुलाकात के मकसद से द सूत्र की टीम गिरहनी गांव पहुंची। यहां पहुंचने पर पता चला कि हिमाचल सिंह गिरहनी गांव के सरपंच भी हैं। द सूत्र संवाददाता की काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी हिमाचल सिंह से मुलाकात नहीं हो सकी। लिहाजा गांव के ही एक व्यक्ति से हिमाचल सिंह का नंबर लेकर उनसे फोन पर बात की और पूछा कि उनके पास कितनी जमीन है और जीजा गोविंद सिंह राजपूत को जमीन दान में दी है तो किस मकसद से। इस सवाल के जवाब में हिमाचल सिंह ने कहा कि उनके परिवार के पास 50 एकड़ जमीन है और जो 50 एकड़ जमीन उन्होंने दान में दी है, उस जमीन को कुछ दिनों पहले ही मकान बेचकर खरीदा था। हिमाचल सिंह ने ये भी कहा कि दान में दी गई जमीन किसी खास मकसद मसलन, स्कूल, कॉलेज या फिर अस्पताल बनाने के उद्देश्य से नहीं दी गई।
बीजेपी के पूर्व नेताओं ने दान पर उठाए सवाल
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को जमीन दान दी गई और इस दान पर सवाल भी उठने लगे हैं। बीजेपी के पूर्व नेता राजकुमार सिंह धनोरा का तो साफ कहना है कि मंत्री ने अपनी काली कमाई को ठिकाने लगाने के लिए दान का ये खेल खेला है। राजकुमार सिंह धनोरा ने द सूत्र से बातचीत में कहा कि वो खुद 800-900 एकड़ जमीन के मालिक हैं और जब वो कोई नई जमीन खरीदते हैं तो उसके लिए पैसों का इंतजाम करने में पसीने छूट जाते हैं। धनोरा ने सवाल उठाए हैं कि गोविंद सिंह राजपूत के साले हिमाचल सिंह राजपूत तो 50 एकड़ जमीन के मालिक है और उन्होंने 50 एकड़ जमीन खरीदी तो पहले ये बताएं कि पचास एकड़ जमीन खरीदने के लिए पैसा कहां से लाए?
मंत्री ने भ्रष्टाचार की कमाई लगाई ठिकाने- धनौरा
राजकुमार सिंह धनोरा का तो साफ कहना है कि हिमाचल सिंह राजपूत और उनके परिवार के सदस्यों की 50 एकड़ जमीन दान देने की हैसियत ही नहीं है। धनौरा का तो साफ आरोप है कि मंत्री ने भ्रष्टचार की कमाई से पहले खुद सालों से जमीन खरीदवाई और फिर सालों से जमीन दान में ले ली, इस तरह से काली कमाई को सफेद कर लिया। ऐसे ही आरोप बीजेपी के नगर महामंत्री सुंदरलाल के भी हैं। सुंदरलाल का साफ कहना है कि सरकार और संगठन को इस मामले की जांच करवाना चाहिए क्योंकि इससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंच रहा है।
मंत्री गोविंद सिंह ने नहीं दिया जवाब
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के सालों की इस दानवीरता और सच्चाई का पता लगाने के लिए द सूत्र ने मंत्री जी से संपर्क किया मगर उनसे संपर्क नहीं हो सका। तो उनसे यही सवाल वॉट्सऐप पर किया कि उन्हें जो ससुराल पक्ष से जमीन मिली है, कहा जा रहा है कि वो खुद उन्होंने खरीदवाई और दान के जरिए वापस ले ली। इन आरोपों पर उनका क्या पक्ष है तो गोविंद सिंह राजपूत ने इस बारे में कोई जवाब नहीं दिया।