BHOPAL. मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोविंद सिंह ने ईडी मामले पर बयान दिया है, गोविंद सिंह ने कहा कि ईडी के जरिए कांग्रेस नेताओं को परेशान किया जा रहा है। कांग्रेस नेताओं पर ईडी के जरिए राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है। मुझे मिले समन में कोई आरोप नहीं था उसके बाद भी मुझे सिर्फ उपस्थित होने को कहा गया, बीजेपी सरकार चुनाव आ गए इसलिए ये सब काम कर रही है। ईडी की ये कार्रवाई बीजेपी सरकार के इशारों पर हो रही है।
मनोबल गिराने की कोशिश
नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि मैंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिसमें आर्थिक अपराध हुआ हो, एजेंसी का ये काम मनोबल गिराने के लिए किया गया है। वहीं इस मामले पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि और भी नेता लाइन में है जिनको ईडी नोटिस देगी।
गोविंद सिंह की वीडी को चुनौती
डॉक्टर गोविंद सिंह से जब द सूत्र ने सवाल किया कि लगातार 7 बार चुनाव जीतने के बाद बीजेपी इस बार उन्हें हराने के लिए विशेष रणनीति बना रही है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास मुझे हराने जीतना दम नहीं है, चाहे तो खुद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा मेरे सामने लहार से चुनाव मैदान में उतर कर देख लें। जनता के सामने फैसला हो जाएगा।
कांग्रेस के 117 नेताओं पर ईडी का नजर
कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख केके मिश्रा ने मीडिया के सामने कहा कि- अकेले गोविंद सिंह नहीं बल्कि 117 कांग्रेस नेताओं को ईडी ने निशाने पर ले रखा है। ये बात हमने दो महीने पहले ही सार्वजनिक रुप से कह दी थी। चुनाव के कारण कांग्रेस के खिलाफ सीएम शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ईडी के जरिए इस तरह की कार्रवाई करवाएंगे, जिसका सिलसिला शुरु हो चुका है। आने वाले दिनों में कुछ और कांग्रेस नेताओं को इसी तरह परेशान किया जा सकता है, गोविंद सिंह के साथ ये एक बड़ा राजनीतिक षड्यंत्र हैं, गोविंद सिंह राजनीकि संत और फकीर हैं। बीजेपी की इस घटिया राजनीति का जवाब कांग्रेस पुरजोर तरीके से देगी, पार्टी गोविंद सिंह के साथ खड़ी है, इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय तक ले जाया जाएगा। ईडी, इनकम टैक्स, सीबीआई बीजेपी सरकार के अनुषांगिक संगठन हैं और चुनाव जीतने के लिए बीजेपी इनका ही उपयोग करती है।
क्या है मामला
मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह को प्रवर्तन निदेशालय ने नोटिस दिया था। इसमें प्रकरण का कोई उल्लेख नहीं था। नोटिस मिलने पर डा. सिंह ने दिल्ली पहुंचकर वकीलों से परामर्श लिया और पत्र लिखकर पूछा है कि वह मामला बताया जाए, जिसके लिए उन्हें बुलाया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने 25 जनवरी को डा. गोविंद सिंह को नोटिस देकर दिल्ली कार्यालय बुलाया था। इसमें किसी प्रकरण का कोई हवाला नहीं दिया गया। नोटिस मिलने पर वे दिल्ली पहुंचे और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा और कपिल सिब्बल से परामर्श किया। उन्होंने बताया कि मेरे विरुद्ध कोई प्रकरण नहीं है और न ही इसके पहले कोई नोटिस मिला था।