देव श्रीमाली, GWALIOR. प्रदेश में बीजेपी के अध्यक्ष पद को लेकर चल रहे असमंजस पर नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी में भयंकर गुटबाजी है और आपस मे घमासान मचा है। इसके चलते किसी नाम पर आपसी सहमति नहीं बन पा रही है। इस गुटबाजी के चलते प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। नौकरशाही किसी की नही सुन रही बस भृष्टाचार ही भ्रष्टाचार का आलम है। अराजकता का माहौल है।
बीजेपी के विधायक और मंत्री ही लाचार
ग्वालियर पहुंचे डॉक्टर गोविंद सिंह ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बदलने की सुगबुगाहट पर चुटकी लेते हुए कहा कि कि बीजेपी मैं अब आपस में ही लड़ाई मची हुई है। आलम यह है कि बीजेपी की सरकार में बीजेपी के ही मंत्री और विधायकों की सुनवाई नहीं हो रही है। कई मंत्री विधायक उनके पास पहुंचते हैं और उनसे गुहार लगाते हैं कि उनकी आवाज उठाएं सरकार के ही मंत्री परेशान हैं। कर्मचारी पूरी तरह बेकाबू हैं। कानून व्यवस्था चौपट हो चुकी है, जिसका उदाहरण भिंड जिले के गोहद में दिनदहाड़े कार से 42 लाख रुपए की लूट है। रेत का वातावरण पूरी तरह बिगड़ चुका है और अब शिवराज सरकार ने एक ही व्यवस्था लागू की है कि ला और आर्डर ले जा। इसी कारण से बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद पर घमासान मचा हुआ है।
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सिंधिया की उम्मीदवारी को लेकर ली चुटकी बोले
जब उनसे पूछा कि ग्वालियर में केंद्रीयमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया काफी सक्रिय हैं और ऐसा लगता है कि वे इस बार ग्वालियर से सांसद का चुनाव लड़ सकते हैं ? तो डॉ सिंह ने मुस्कराते हुए तंज कसा। उन्होंने कहा कि उनका स्वागत है क्योंकि वे खूबसूरत है और नौजवान है देश और प्रदेश के बड़े नेता है। वे ग्वालियर में चुनाव लड़ें लेकिन बस इतना ख्याल रखें कि मुकाबले में अपने सांसद प्रतिनिधि से बचें। गौरतलब है कि पिछले चुनाव में गुना संसदीय सीट से उन्हें कभी उनके सांसद प्रतिनिधि रहे डॉ केपी यादव ने ही एक लाख मतों के भारी अंतर से हरा दिया था।
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