INDORE. एनआरआई सम्मेलन और इन्वेस्टर्स समिट के लिए दुल्हन की तरह सजे इंदौर में एक अलग ही मामला सामने आया है। यहां नगर निगम के कर्मचारी घास में पानी देना भूल गए, इसलिए चौराहे पर घास सूख गई। जब अफसर यहां से निकले तो घास सूखी दिखी, इसे फिर खूबसूरत बनाने की जद्दोजहद शुरू हो गई। और तय किया गया कि कृत्रिम डाई का स्प्रे कर हरा किया जाए। जैसे ही घाय पर हरे रंग का स्प्रे डाला जाने लगा लोगों ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया, जिसके बाद लोगों में ये वीडियो चर्चा का विषय बन गया और इंदौर नगर निगम और जिला प्रशासन को लेकर लोग चुटकी लेने लगे।
सुंदरता कम न हो इसलिए छिड़की हरी डाई
ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर के पास बापट चौराहा है, इस चौराहे की आयोजन स्थल से दूरी मात्र 500 मीटर है। कुछ समय पहले यहां घास सूख गई थी। नगर निगम ने शहर के तमाम चौराहों और डिवाइडर्स को खूबसूरत करने के लिए देश के कई शहरों की नर्सरियों में तैयार घास मंगवाई। जिन्हें स्लैब के रूप में सभी जगह पिछले 15 दिन से लगाया जा रहा था। इस चौराहे की सूखी घास खूबसूरती बिगाड़ रही थी, जिसे देखते हुए निगम अधिकारियों ने हरी डाई का छिड़काव कराया। नगर निगम का कहना है कि यह डाई आर्गेनिक है और इससे किसी तरह का नुकसान नहीं होगा। 15 दिन में नई घास आ जाएगी।
दूसरे चौराहे को सूखा ही छोड़ गए कर्मचारी
बापट चौराहे की दूसरी साइड वाली रोटरी की घास की हरियाली भी कम पड़ चुकी थी, लेकिन उस पर निगम कर्मचारियों ने हरी डाई का छिड़काव नहीं किया , जिस रोटरी पर छिड़काव हुआ है, उसके निचले कोने को ही रंगा गयी था, निगम अधिकारियों का हकना है कि बापट चौराहे के एक हिस्से में इसका छिड़काव किया गया है। यह आर्गेनिक लॉन डाई है, जिसका इस्तेमाल विदेशों में बड़े लॉन में हरियाली के लिए किया जाता है। यह पूरी तरह आर्गनिक है। इसका मूल्य भी अधिक है। देश के बड़े शहरों जैसे मुंबई,दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरू वगैरह में भी इसका इस्तेमाल होता रहा है।
पौधे भी मुरझाने लगे हैं
बापट चौराहा से बीसीसी तक सड़क के बीच लगाए गए कुछ पौधे भी मुरझा गए हैं। सड़क पर कीचड़ न हो और डिवाइडरों का कलर फीका न पड़े, इसके लिए कर्मचारी भी संभलकर पानी डाल रहे हैं। पौधों को सही मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है। शहर के कुछ अन्य इलाकों में भी सम्मेलन के लिए हुए कामों की गुणवत्ता का का स्तर सही नहीं हैया।
क्रेक नहीं आए, इस कारण पानी नहीं छिड़का
निगम अधिकारी का कहना है कि जिस रोटरी पर यह छिड़काव हुआ है, वहां 15 दिन से काम चलने के कारण क्रेक आ गया था, मिट्टी बैठने के डर से पानी नहीं दे पा रहे थे, इस कारण घास सूखने की स्थिति बनी।