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नवीन मोदी, GUNA. क्राइस्ट स्कूल में छात्र के साथ अभद्र व्यवहार और दंडित किए जाने का विवाद थम नही रहा है। इसके बाद स्कूल स्कूल प्रबंधन ने खेल मैदान के नाम पर सरकारी जमीन पर कब्जा किया था। जिसे प्रशासन ने मुक्त कराई, शिक्षकों के विरुद्ध fir के बाद आयोग अध्यक्ष ने अपने दौरे के बाद स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने निर्देश दिए है।
बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष और सदस्य ने 17 नवंबर गुरुवार को क्राइस्ट स्कूल का दौरा किया। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से चर्चा की। यहां उन्होंने इस मामले में प्राचार्य और स्कूल के संचालक पर एफआईआर होने की बात कही। इस संबंध में उन्होंने एसपी और कलेक्टर को निर्देश दिए हैं। वहीं एसपी पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि मामले में एफआईआर हो चुकी है। उसमें दो शिक्षकों के नाम हैं। बाकी विवेचना जारी है। अगर किसी और खिलाफ कोई सबूत मिलते हैं तो नाम बढ़ाए जाएंगे।
स्कूल प्रबंधन से प्रताड़ित बच्चे से की मुलाकात
आयोग के अध्यक्ष द्रविन्द्र मोरे और सदस्य ओंकार सिंह ने क्राइस्ट स्कूल का दौरा किया। उन्होंने बताया कि इस दौरान वे उस बच्चे से भी मिले, जिसे कथित तौर पर प्रताड़ित किया गया था। बाद में पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि मिशनरी की आड़ में राष्ट्र को खतरे में डालने वाली गतिविधियों में लगीं संस्थाओं को सजा दिलाने के लिए कानून की अनुशंसा की जाएगी। ऐसी संस्थाएं अल्पसंख्यक की आड़ में देश से धोखाधड़ी और बच्चों का मन दूषित नहीं कर सकते।
प्राचार्य और संचालकर पर केस दर्ज करने को कहा
द्रविन्द्र मोरे ने कहा कि उन्होंने कलेक्टर और एसपी को इस मामलेमें तलब किया था। उनको कहा गया कि इस मामले में दर्ज एफआईआर में पर्याप्त धाराएं नहीं है। इस संस्थान ने संविधान की धारा 51 का उल्लंघन किया है। इस बात को ध्यान में रखते हुए स्कूल के प्राचार्य और संचालक पर भी मामला दर्ज किया जाए। असल जिम्मेदारी उनकी ही है।
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अल्पसंख्यक और मिशनरी स्कूल पर आयोग रखेगा नजर
बाल आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि क्राइस्ट स्कूल में पहले भी छात्रों को प्रताड़ित किया गया था, लेकिन पालकों ने बच्चों की शिक्षा को देखते हुए चुप्पी साध ली थी। अब आयोग हर समय इस अल्पसंख्यक और मिशनरी स्कूल पर नजर रखेगा। उन्होंने कहा कि स्कूल के प्राचार्य गलती करने के बाद भी दूसरे के ऊपर दोषारोपण कर रहें है। जबकि वह खुद कटघरे में खड़े हुए है। भारत माता की रक्षा करने वाले सामाजिक संगठनों को असामाजिक करने वाले स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की जाएगी।