सिंधी समाज की धर्म संसद में रखा जाएगा गुरू ग्रंथ साहिब विवाद, इसी शर्त पर कोडवानी का धरना खत्म, रिंकू भाटिया ने सांसद को लिखा पत्र

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The Sootr
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सिंधी समाज की धर्म संसद में रखा जाएगा गुरू ग्रंथ साहिब विवाद, इसी शर्त पर कोडवानी का धरना खत्म, रिंकू भाटिया ने सांसद को लिखा पत्र

संजय गुप्ता, INDORE. सिंधी समाज और सिख समाज के बीच गुरू ग्रंथ साहिब का विवाद तूल पकड़ते जा रहा है। सिंधी दरबार, मंदिरों से निहंग द्वारा गुरू ग्रंथ साहिब उठाए जाने और फिर विरोध में सभी 92 गुरू ग्रंथ साहिब वापस किए जाने के बाद अब इस मुद्दे को 29 जनवरी को इंदौर में हो रही धर्म संसद में भी रखा जाएगा। इसे लेकर समाज सेवी किशोर कोडवानी शनिवार सुबह धरने पर बैठे थे, जिसके बाद शाम को अखिल भारतीय सिंधी साधु समाज के महामंत्री एवं इंदौर शाखा के पदाधिकारी माधव महाराज धरना स्थल पर चर्चा के लिए पहुंचे। पाचों बिंदुओं को समझने के पश्चात उन्होंने लिखित में कार्यकारिणी  में विचारार्थ रखने का आश्वासन दिया। इसमें गुरू ग्रंथ साहिब वापस ले जाने के विवाद के साथ ही  सांसद शंकर लालवानी निंदा व अन्य तीन प्रस्तावों शामिल है। इस लिखित आश्वासन के बाद कोडवानी ने अपना धरना खत्म कर दिया। 





यह प्रस्ताव राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में रखे जाएंगे





अखिल भारतीय सिन्धी साधु समाज ने कोडवानी के पांचों प्रस्ताव मंजूर किए हैं। इसके पूर्व किशोर कोडवानी ने महामंडलेश्वर को पांच प्रस्ताव प्रेषित किए थे, जिन्हें पहले नहीं माना गया, फलस्वरूप कोडवानी अपनी मांग के समर्थन में सिंधी कॉलोनी चौराहे पर धरने पर बैठे गए।





यह पांच प्रस्ताव पर होगी चर्चा







  1.   पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच हो।



  • एफआईआर नहीं होने व सांसद की समाज से दूरी की निंदा हो।


  •  सिंधी धर्म स्थलों में भगवान झूलेलाल की मूर्ति, जल-कलश व अखंड ज्योत की स्थापना हो। 


  • धर्म स्थलों की आय परमार्थ में व्यय हो, न कि निजी संपत्ति बने।


  •  सिंधी विस्थापित/ शरणार्थी नहीं बल्कि सेनानी कहलाए।






  • सांसद से समाज नाराज, उन्हीं को गुरू सिंघ सभा ने पत्र भेज दिया





    उधर गुरू सिंघ सभा के पदाधिकारी रिंकू भाटिया और जसबीर सिंह गांधी इस पूरे मामले में अकाल तख्त से हुई खिंचाई के बाद खुद को बचाने में लग गए हैं। वहीं सिंधी समाज द्वारा खुद की स्वेच्छा से गुरू ग्रंथ साहिब लौटाए जाने की बात फैलाई जा रही है और कहा जा रहा है कि यह गुरू ग्रंथ साहिब विरद अवस्था में थे इसलिए यह वापस हुए और नए दिए जा रहे हैं, ताकि उनकी मर्यादा बनी रहे, जबकि समाज के बीच निहंग द्वारा गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर विवाद करने का वीडियो वायरल हो चुका है। श्री गुरु सिंघ सभा इंदौर के अध्यक्ष मनजीत उर्फ रिंकू सिंह भाटिया ने सांसद शंकर लालवानी को एक पत्र लिखा है। जिसमें कहा है कि कुछ दिन पहले इंदौर में ऐसी घटना घटी जिससे सिख एवं सिंधी अनुयाईयों के भाईचारे पर गहरा असर पड़ा है। सिंधी समाज पिछले 500 सालों से श्री गुरु नानक नाम लेवा संगत है व श्री गुरु नानक देवजी महाराज का नाम जपती है। सिंधी समाजजनों द्वारा उनकी स्वेच्छा से महाराज के स्वरूप साहिब ऐतिहासिक गुरुद्वारा इमली साहिब में जमा कराए गए हैं, क्योंकि महाराज के स्वरूप साहिब बहुत ही बिरद अवस्था में पाए गए और सिख समाज द्वारा उन्हें आश्वासन दिया गया है कि गुरु मर्यादानुसार प्रकाश करने के लिए उन्हें महाराज के नए स्वरूप साहिब जी प्रदान किए जाएंगे साथ ही उन्हें श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज की मर्यादा को कायम रखने की बिनती की है। आपसे निवेदन है कि 29 जनवरी को कुछ सिंधी समाजजनों द्वारा सनातन धर्म सभा का आयोजन किया जा रहा है, पहली बार धार्मिक आयोजन को सनातन धर्म सभा के नाम से किया जा रहा है और कार्यक्रम श्री गुरु ग्रंथ साहिब महाराज की घटना को प्रमुख रखते हुए कराया जा रहा है। सोशल मीडिया पर आपके कार्यकर्ताओं द्वारा कार्यक्रम में परिवार सहित शामिल होने की अपील की जा रही है। आपसे निवेदन है कि इस कार्यक्रम में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज की घटित घटना संबंधित घटना की चर्चा नहीं की जाए, जिससे सिख एवं सिंधी भाईचारे में खटास पैदा न हो।



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