देव श्रीमाली, GWALIOR. बिजली कंपनी के लोक अदालत में बिजली बिलो पर मिलने वाली छूट की सीमा घटाने के कंपनी के फैसले पर कंपनी और ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर आमने- सामने आ गए है। कंपनी ने जहां दस हजार से ज्यादा के बिलों में मिलने वाली छूट खत्म कर दी है। वहीं ऊर्जा मंत्री ने चुनावों के मद्देनजर इस आदेश पर फिलहाल रोक लगाते हुए सीमा फिर बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। कंपनियां इसके पहले फ्यूल चार्ज की दरें बढ़ाकर झटका दे चुकीं थी।
चुनाव के पहले विद्युत उपभोक्ताओं को बड़ा झटका
मध्यप्रदेश विद्युत वितरण कंपनियों ने एक आदेश निकालकर अपने उपभोक्ताओं को तगड़ा झटका दिया है। इसके जरिए लोक अदालत में बिजली के बिलों पर मिलने वाली 30 परसेंट छूट खत्म कर दी है। अब तक की व्यवस्था के तहत 10 हजार से ज्यादा के बिलों पर 30 प्रतिशत छूट का प्रावधान था। यानी लोक अदालत में बिजली कंपनी और उपभोक्ता की आपसी सहमति से प्रकरण निपटाने पर उपभोक्ता को 30 फीसदी तक की छूट मिल जाती थी। इसके चलते बड़ी संख्या में मामले निपट जाते थे और कंपनी को भी हर बार डूबत खाते से करोड़ो रूपए का राजस्व मिल जाता था। अब इस छूट की सीमा को घटाकर दस हजार तक कर दिया गया है यानी इससे ऊपर के बिल वालों को मिलने वाली यह छूट अचानक खत्म कर दीं गई। इसके चलते पहले से लंबित प्रकरणों में 4958 उपभोक्ताओं को छूट का फायदा नहीं मिलेगा।
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एक माह पहले भी फ्यूल चार्ज बढ़ाकर दे चुके हैं झटका
एक माह पूर्व बिजली कंपनी ने फ्यूल चार्ज में भी बढ़ोतरी करके कंपनी अपने उपभोक्ताओं को झटका दे चुकी है। कंपनी ने 14 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से चार्ज बढ़ाया था। अब यह रिबेट घटाकर तगड़ा झटका दिया है।
ऊर्जा मंत्री बोले पीएस को बोला है
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर चुनावी साल में जनता से कोई नाराजी मोल नहीं लेना चाहते। वे कंपनी के इस फैसले से काफी नाखुश है। जब "द सूत्र" उनके विभाग द्वारा लिए गए छूट खत्म करने के निर्णय को लेकर पूछा तो उन्होंने कहा कि अभी लोक अदालत में बिजली के बिलों में जो छूट दी जाती थी, उससे संबंधित मामले में अपने प्रमुख सचिव को निर्देश दिए हैं कि उस सीमा को बढ़ाएं।