परीक्षा में फर्जीवाड़ा के आरोप में 1 सॉल्वर और मूल परीक्षार्थी को चार-चार साल की सजा, ग्वालियर कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया

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Shivasheesh Tiwari
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परीक्षा में फर्जीवाड़ा के आरोप में 1 सॉल्वर और मूल परीक्षार्थी को चार-चार साल की सजा, ग्वालियर कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया

देव श्रीमाली, GWALIOR. ग्वालियर की सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने पुलिस आरक्षक भर्ती फर्जीवाड़े मामले में आज 2 आरोपियों को सजा सुनाई है। कोर्ट ने सॉल्वर और परीक्षार्थी को चार-चार साल की सजा सुनाने के साथ जुर्माना लगाया है। दोनों ही आरोपी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले हैं।



यह है पूरा मामला



पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 का यह पूरा मामला है। ग्वालियर में 30 सितंबर 2013 को आरक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। परीक्षा केंद्र से फोटो और सिग्नेचर मिसमैच होने पर परीक्षा केंद्र प्रभारी ने सॉल्वर धर्मेंद्र सिंह को पकड़कर पुलिस के हवाले किया था। पूछताछ में उसने बताया था कि वह मूल कैंडिडेट लक्ष्मण सिंह की जगह परीक्षा देने पहुंचा था। वह दोनों उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के रहने वाले हैं।



नौ साल तक कोर्ट में हुई सुनवाई



सीबीआई के वकील चन्द्र पाल सिंह ने बताया कि इस मामले में सीबीआई ने चार्जशीट पेश की थी, जिस पर 9 साल तक सीबीआई स्पेशल कोर्ट में चली लंबी सुनवाई के बाद आज न्यायालय ने आरोपों को सही माना और सॉल्वर धर्मेंद्र सिंह और कैंडिडेट लक्ष्मण सिंह को चार-चार साल की सजा सुनाने के साथ दोनों पर अलग-अलग 14100-14100 रुपए का जुर्माना भी लगाया।


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