देव श्रीमाली,GWALIOR. पाव भाजी की दुकान चलाने वाले से चालीस हजार की रिश्वत लेने के आरोपी सहायक वाणिज्य कर अधिकारी और मध्यस्थ वकील को अदालत ने तीन साल के कारावास की सजा और जुर्माना भी लगाया है।
विशेष अदालत ने सुनाया फैसला
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत आदित्य रावत के कोर्ट ने आरोपी धनराज गौड सहायक वाणिज्यकर अधिकारी वाणिज्यकर कार्यालय ग्वालियर और महेन्द्र जैन एडवोकेट ग्वालियर को 3 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 2 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। जबकि 1 अन्य धारा में 4 साल की जेल और 2 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
पाव भाजी वाले से ली थी रिश्वत
जिला अभियोजन अधिकारी लोकायुक्त संभाग ग्वालियर राखी सिंह ने बताया कि विगत 11 दिसंबर 2012 को आवेदक बृजेश चंद्र जायसवाल पुत्र रामनारायण निवासी रोशनी घर गोमती बाई का बाड़ा लश्कर ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त कार्यालय को इस आशय की शिकायत की कि आरोपी धनराज गौड सहायक वाणिज्यकर अधिकारी ग्वालियर एवं महेन्द्र जैन एडवोकेट के द्वारा फरियादी फरियादी बृजेश चंद्र जायसवाल से शुभम पावभाजी के नाम से दुकान का सेल्सटैक्स कम करने के एवज में रिश्वत की मांग की जा रही है। इस मामले में बातचीत को रिकॉर्ड किया गया और फिर जाल बिछाकर विगत 12 दिसंबर 2012 को 40 हजार रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया गया। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा (1), डी, 13 (2) पीसी एक्ट 1988 के तहत केस दर्ज कर जांच के बाद चालान की कार्रवाई करते हुये प्रकरण सक्षम न्यायालय में विगत 1 जून 2014 को प्रस्तुत किया गया। प्रकरण में पैरवीकर्ता अभियोजन अधिकारी लोकायुक्त ग्वालियर ने पैरवी की जिसमें अभियोजन की साक्ष्य एवं सफल विचारण के बाद आरोप सिद्ध होने पर विशेष न्यायालय द्वारा आरोपीद्वय धनराज गौड सहायक वाणिज्य कर अधिकारी वाणिज्यकर कार्यालय ग्वालियर एवं महेन्द्र जैन एडवोकेट को दंडित करते हुए कारावास और जुर्माने की सज़ा सुनाई।