देव श्रीमाली, GWALIOR. मध्यप्रदेश के ऊर्जामंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने एलान किया कि ग्वालियर में मोनोपोल के साथ रिंगमेंन सिस्टम तैयार किया जाएगा। इस पर 140 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसके लगने से विद्युत उपभोक्ताओं को यह फायदा होगा कि लाइन में फॉल्ट होने पर दूसरी लाइन से बिजली का वितरण चालू किया जा सकेगा और संधारण के दौरान भी बिजली की सप्लाई बाधित नहीं रहेगी। ऊर्जा मंत्री ने ये भी कहा कि बिजली चोरी रोकने के लिए प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने का काम भी शुरू होगा।
प्रदेश में बिजली सरप्लस
ऊर्जामंत्री ने ग्वालियर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश में बिजली के प्रोडक्शन से लेकर वितरण तक के मामले में काफी सुधार हुआ है। 30 दिसंबर को हमने 17065 मेगावाट बिजली की सप्लाई की, जो प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक है। हम इसमें और भी सुधार लाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए अनेक काम कर रहे हैं। हमारे पास डिमांड की तुलना में उपलब्धता के लिहाज से बिजली सरप्लस है। अभी राज्य में 22 हजार 730 मेगावाट बिजली उपलब्ध है।
लाइन लॉस कम करके पैसे बचाए
तोमर का दावा है कि विद्युत वितरण कंपनियों ने लाइन लोसेस में दस प्रतिशत की रिकॉर्ड कमी की। इसके चलते 90 करोड़ रुपए की बचत की। पहले यह तंकनीकी और वाणिज्यिक नुकसान 31.4 प्रतिशत था, जो अब घटकर 20.3 ही रह गया। आगे जो इंफ्रा तैयार हो रहा है, उसमें यह और भी कम हो जाएगा।
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प्रदेश में लगेंगे स्मार्ट मीटर
ऊर्जामंत्री ने कहा कि बिजली की चोरी रोकने के लिए अनेक तरह के उपाय किए जा रहे है। हम जल्द ही प्रदेश मे स्मार्ट मीटर भी लगाने जा रहे है। पहले चरण में 23 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाने की तैयारी चल रही है। इससे प्रीपेड बिजली का वितरण भी शुरू हो सकेगा।
केंद्र से मिलेंगे 24 हजार 170 करोड़
तोमर ने कहा कि प्रदेश में अधोसंरचना के अनेक काम जल्द शुरू होंगे। इसके लिए केंद्र सरकार से हमें रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत 24 हजार 170 करोड़ रुपए की धनराशि मिलने की सहमति हुई है। इस राशि से स्मार्ट मीटर सिस्टम , सिस्टम मॉनीटरिंग और डिस्ट्रीब्यूशन में होने वाले नुकसान को कम करने को लेकर काम किए जाएंगे।