देव श्रीमाली, GWALIOR. ज्यो-ज्यो चुनाव नजदीक आ रहे हैं। मध्यप्रदेश में सत्ताधारी बीजेपी की मुसीबतें कम होने की जगह बढ़ती ही जा रही है। एक तरफ ग्वालियर और चंबल अंचल में सिंधिया समर्थकों और बीजेपी के लोगों की दूरियां कम होने के नाम नहीं ले रहीं है। वहीं पूर्व सीएम और बीजेपी की वरिष्ठ नेता साध्वी उमा भारती भी नित नए बयान देकर दिक्कतें पैदा कर रही है। कुछ दिनों पहले उन्होंने लोधियों से बीजेपी को वोट न देने को लेकर बयान दिया था और आज रविवार ( 8 जनवरी) को वे अचानक बीजेपी के लिए मुसीबत बन रहे है। निष्काषित नेता प्रीतम लोधी के जलालपुर स्थित गांव पहुंच गईं और वहां गांव वालों की चौपाल लगाकर लोधी की जमकर तारीफ की। यहां तक कहा कि पार्टी से निकाले जाने के बाद वे मुझसे भी ज्यादा लोकप्रिय हो गए है। हर जगह उनके लिए भीड़ उमड़ रही है क्योंकि वे शोषित और पीड़ितों की आवाज बन रहे हैं।
एक तरफ प्रीतम तो दूसरी तरफ उनकी पत्नी को बिठाया
उमा ग्वालियर के पुरानी छावनी स्थित गांव जलालपुर पहुंची तो वहां काफी भीड़ इकट्ठी हो गई। वे सड़क पर ही कुर्सियां मंगवाकर चौपाल लगाकर बैठ गईं। उन्होंने प्रीतम के साथ उनकी पत्नी को भी बुलवाया और उनका परिचय देते हुए उन्हें अपनी बाएं तरफ बिठाया। उन्होंने कहा कि प्रीतम बीजेपी की तरफ से 1989 के चुनाव में मेरे चुनाव प्रचार की कमान संभालने गए , तब से ये मेरे अन्य सहयोगी बने और मेरे लिए कई बार उनकी जिंदगी दांव पर लगी। तीस साल पहले उन्होंने मेरे कहने पर शराब पीना छोड़ा। भारतीय जनता पार्टी ने और मैंने उन्हें चुनाव लड़ाया।
उमा इसलिए पहुंची लोधी के घर
उमा ने कहा कि अभी कुछ दिनों पहले जयंत मलैया को नोटिस मिला था। उनका बेटा अभी भी निष्कासित है, लेकिन बीजेपी के सभी नेता उनके घर पहुंचे। इसलिए आज अगर मैं उनके घर न आऊं तो पिछड़े वर्गों को ये लगेगा कि उनके साथ अन्याय करतीं है हमारी पार्टी।
प्रीतम को उमा की यह समझाइश
उमा भारती ने कहा कि उन्होंने प्रीतम लोधी को समझाइश दी है कि वे किसी जाति विशेष के खिलाफ ना बोले क्योंकि वे पिछोर में सभी गरीब और असहाय लोगों की आवाज रहे हैं। उनमें ब्राह्मण वर्ग भी रहा, सवर्ण भी रहे, दलित वर्ग भी रहा और आदिवासी भी रहे अचानक एक वर्ग विशेष के खिलाफ कही गई बात का दुष्प्रचार किया है। उमा भारती ने कहा लोधी ओबीसी महासभा के केंद्रबिंदु हो गए हैं। भगवान ने आपको पिछड़ा वर्ग का मसीहा बना दिया है। इसलिए अब सबको साथ लेकर चलो।
आरक्षण को लेकर कही ये बात
उमा भारती लंबे समय से शराब के खिलाफ आंदोलन चलाकर सरकार को परेशानी में डाल रहीं है। लेकिन अब उन्होंने आरक्षण का मुद्दा उठाकर अपनी नई रणनीति का संकेत भी दे दिए। उन्होंने कहा कि मैंने प्रीतम को कहा कि वे सिर्फ इस बात पर फोकस करें कि प्राइवेट सेक्टर में भी एससी,एसटी और ओबीसी को आरक्षण मिलना चाहिए और जो आरक्षण मिला हुआ है वह कम नहीं होना चाहिए। गरीब सवर्णों को भी आरक्षण मिलना चाहिए। सबको साथ लेकर चलो क्योंकि हमारे देश में घिनौनी राजनीति होती है। इसमें आपस में लड़ा दिया जाता है जबकि दो ही जातियां बचीं है, एक है सुविधा विहीन और दूसरी सुविधा सम्पन्न। उमा भारती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की कि वे सबको आगे बढ़ाने के प्रयास कर रहे हैं। अच्छी शिक्षा और अच्छी चिकित्सा आदि दे रहे हैं।
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इशारों-इशारों में बताई पिछड़ों की ताकत
उमा भारती ने इशारों ही इशारों में दलित,पिछड़े और आदिवासियों की ताकत का अहसास भी कराया और इसके लिए उन्होंने रामकथा का सहारा लिया। उन्होंने कहा कि हनुमान और जाम्बवंत की सेना ने जब हमला बोला तो लंका जलाकर ध्वस्त कर दी। क्योंकि उनमें एकजुटता थी। उन्हें क्या चाहिए था। सोना लेकर वे क्या करते ? देश में रामराज की स्थापना में इन देश के गरीब,शोषित ,आदिवासी और गरीबों का ही योगदान रहेगा।
बोली,प्रीतम को जनता ने हाथों हाथ उठाया
बीजेपी ने प्रीतम लोधी को निष्काषित कर दिया है लेकिन उमा भारती ने इस निर्णय का ही उपहास उड़ाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने उन्हें निष्काषित कर दिया अब क्या कहूं, लेकिन निष्काषन के बाद जनता ने उन्हें हाथों हाथ लिया। हर जगह उनके लिए भीड़ उमड़ रही है।
सिर पर हाथ रखकर दिया आशीर्वाद
उमा भारती यहीं नहीं रुकी बल्कि उन्होंने ये भी कहा कि वे प्रीतम को आशीर्वाद देने आई है ताकि के गरीबों और शोषितों की आवाज पूरी ताकत के साथ ऐसे ही उठाते रहे। उमा भारती ने उनके सिर पर रखकर आशीर्वाद भी दिया।