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देव श्रीमाली, GWALIOR. ग्वालियर पुलिस की तमाम कोशिशों के बावजूद शहर में ऑनलाइन धोखाधड़ी की शिकायतें कम होने का नाम नही ले रहीं हैं। सायबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगने से बाज नही आ रहे हैं। क्राइम ब्रांच में फ्रॉड के दो नए मामले दर्ज हुए हैं, जिसमें शातिर ऑनलाइन ठगों ने ठगी की वारदात को अंजाम देते हुए लाखों रुपए की रकम हड़प ली। इसमें एक मामले में बदमाश ने बातों में फंसाकर एनी डेस्क एप्लिकेशन को डाउनलोड कराके ठगी की वारदात को अंजाम दिया।
ओला बुकिंग के बहाने और एनिडेस्क से ठगी
एडिशनल एसपी राजेश दंडोतिया ने जानकारी देते हुए बताया कि क्राइम ब्रांच में दो अलग-अलग धोखाधड़ी के मामले दर्ज हुए हैं। इसमें एक मामले में गोले का मंदिर थाना इलाके में रहने वाले फरियादी रामस्नेही ने शिकायत की है कि ओला कंपनी का कर्मचारी बन कर उसके साथ ऑनलाइन ठग ने सस्ते दामों में इलेक्ट्रिक वाहन बेचने के नाम पर 1 लाख चालीस हजार की ठगी को अंजाम दिया है। जब उन्हें पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है तो उन्होने पुलिस को मामले की जानकारी दी। वहीं दूसरे मामले में कंपू थाना क्षेत्र की रहने वाली महिला मोनिका जैन ने शिकायत की है कि ऑनलाइन ठगों ने उसके मोबाइल में एनीडेस्क एपलीकेशन डाउनलोड कराकर एक लाख रुपए से अधिक निकाल लिए जिसपर क्राइम ब्रांच ने दोनों ही मामलों में जांच शुरू कर दी है।
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एनीडेस्क से ठगी की घटना ने बढ़ाई चिंता
एनीडेस्क सॉफ्टवेअर इस समय कामकाज के दौरान सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लाया जाता है। इस एप्लिकेशन से आपकी पीसी, लेपटॉप या मोबाइल का ऑपरेटिंग सिस्टम दूसरे के पास ट्रांसफर हो जाता है। आजकल दिक्कत आने पर सायबर स्पेशलिस्ट इसी के जरिए रिपेयर करते है और अन्य समस्याओं का निराकरण करते है इसलिए आईटी के क्षेत्र में कार्यरत युवक और युवतियों द्वारा सबसे ज्यादा इसका इस्तेमाल किया जाता है। यही वजह है कि अब इस एप्लिकेशन से सायबर अपराधी ठगी को अंजाम दे रहे है, जो काफी चिंताजनक हो सकता है।