देव श्रीमाली, GWALIOR. भारतीय जनता पार्टी के शीर्षस्थ नेता और देश के प्रधानमंत्री रहे भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी के अपने शहर में ही गौरव दिवस मनाने के लिए पार्टी की अंदरूनी अखाड़े बाजी के चलते कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। एक सप्ताह में इस कार्यक्रम की दो बार घोषणा हुई और फिर कैंसिल भी हुआ। भोपाल से लेकर दिल्ली तक इसमें घमासान मचा और अनेक पुराने बीजेपी नेता जब खुलकर मैदान में आ गए, तब आनन-फानन में इसे पूर्व की तरह आयोजित करने की घोषणा करनी पड़ी। वाजपेयी के शहर में ही गौरव का कार्यक्रम करने में हुई इस उठापटक से न केवल बीजेपी और सरकार की थुक्का फजीहत हुई, बल्कि पार्टी में चल रहा घमासान एक बार फिर सड़कों पर आ गया। इसको लेकर कांग्रेस ने तंज कस है। उनका कहना है कि इसके पीछे सिंधिया गुट है क्योंकि वे यहां सिंधिया परिवार के अलावा किसी जननायक का गौरव कैसे मान सकते हैं। वहीं सीएम शिवराज ने ग्वालियरवासियों से अपील की है कि 25 दिसंबर को सभी अपने घरों में दीपक जलाकर रोशनी करें।
सीएम शिवराज ने की थी गौरव दिवस की घोषणा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ग्वालियर आये थे तो उन्होंने घोषणा की थी कि अगले वर्ष से ग्वालियर में अटल जी के जन्मदिन (25 दिसम्बर) को गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसके तहत एक सप्ताह पहले से ही विभिन्न आयोजन किए जाएंगे। उन्होंने ग्वालियर में अटल स्मृति पार्क और म्यूजियम बनाने की भी घोषणा की थी और सिरौल पहाड़ी पर इसके लिए स्थान देखने भी गए थे। हालांकि साल भर में अटल पार्क का प्रस्ताव फाइलों से बाहर नहीं निकल पाया, लेकिन इस साल अटल जी के जन्मदिन को गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा जोर-शोर से उठ रही है।
प्रभारी मंत्री ने की बैठक
गौरव दिवस मनाने की तैयारी सरकार ने दिसंबर महीने के शुरुआत में ही कर दी थी। इससे पहले नगर निगम ने राज्य शासन को 14 अप्रैल को 25 दिसंबर का दिन ग्वालियर गौरव दिवस मनाने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे शासन ने स्वीकार कर लिया।
ऐसे शुरू हुआ विवाद
ग्वालियर कलेक्टर ने 16 दिसंबर को घोषणा की कि 18 से 25 दिसंबर तक ग्वालियर गौरव दिवस के आयोजन होंगे। इसके लिए कार्यक्रम भी घोषित कर दिए गए कि गौरव दिवस का मुख्य आयोजन महाराज बाड़े पर 25 दिसंबर को होगा, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उपस्थित रहेंगे। लेकिन अचानक प्रशासन ने 21 दिसंबर की रात एक आदेश जारी कर सबको चौंका दिया कि गौरव दिवस का कार्यक्रम ठंड के चलते रद्द कर दिया गया है और कवि सम्मेलन जीवाजी विवि के सभागार में होगा। लेकिन प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट के एक बयान से साफ हो गया कि यह आयोजन बीजेपी की अंदरूनी कलह की भेंट चढ़ा है। सिंधिया समर्थक सिलावट बोले अटलजी का जन्मदिन तो मानेगा लेकिन गौरव दिवस कब होगा, इसकी घोषणा बाद में की जाएगी।
बीजेपी में शुरू हुआ घमासान
अटल गौरव दिवस मनाने के आयोजन के रद्द होते ही बीजेपी में घमासान मचा गया। माना जाता है कि इस मामले को लेकर सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने दिल्ली और भोपाल में सत्ता और संगठन के शीर्ष नेताओं तक अपनी नाराजगी और कार्यकर्ताओं का आक्रोश तल्ख शब्दों में पहुंचाया। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, शेजवलकर और जयभान सिंह पवैया अपनी-अपनी भूमिका में आ गए। बाकी लोग पर्दे के पीछे रहे लेकिन मीडिया में खुलकर मोर्चा संभाला पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने। उन्होंने सत्ता और संगठन को खूब खरी खोटी सुनाई। उन्होंने ट्वीट भी किया जिसमें उन्होंने बगैर किसी का नाम लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों पर निशाना साधा। पवैया ने लिखा- ग्वालियर गौरव दिवस अब भारत रत्न श्री अटल विहारी वाजपेयी जी के जन्मदिवस पर नहीं होगा, यह समाचार मन को व्यथित करने वाला है। मेरा आग्रह है कि अखिल विश्व में ग्वालियर की यश पताका के वाहक अटल जी की जन्मजयंती को ही गौरव दिवस मनाया जाए, तभी हमारा गौरव होगा। वहीं शेजवलकर ने मीडिया से कहा कि मैं अवाक हूं कि ग्वालियर में अटल जी के जन्मदिन पर गौरव दिवस नहीं होगा। ये दुःखद भी है और चिंताजनक भी।
घमासान के बाद फिर बदला कार्यक्रम
दिल्ली और भोपाल में मचे इन सियासी घमासान से सत्ता और संगठन हिल गया और आनन-फानन में फिर सब उलट पुलट हो गया। 23 दिसंबर की शाम कलेक्टर ने अचानक एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और बताया कि गौरव दिवस 25 दिसंबर को महाराज बाड़े पर ही होगा और सभी आयोजन पहले की तरह होंगे।
कांग्रेस ने कसा तंज
इस पूरे घटनाक्रम पर बीजेपी जहां अंदरूनी खदबदाहट में फंसी थी, वहीं कांग्रेस ने इस पर तंज कसा। कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि यह बहुत ही दुःखद और दुर्भग्यपूर्ण है कि देश के सबसे बड़े जननायक अटलजी के जन्मदिवस पर गौरव दिवस मनाने से रोका जा रहा है। उनका अद्भुत व्यक्तित्व था। वे स्टेटमेंन थे और जब ऐसे विराट व्यक्तित्व के जन्मदिन को लेकर उन्हीं की पार्टी में विवाद खड़ा हो गया। लेकिन सिंधियाजी के आने के बाद बीजेपी में आज जिस तरह की गुटबाजी है और इस कार्यक्रम के स्थगन की जो वजह है, वह सिंधिया के लोग ही हैं, जो ग्वालियर के गौरव दिवस को माधवराव सिंधिया के जन्मदिन को मनाने की जिद में हैं। वे चाहते है कि बीजेपी में अब ग्वालियर और एमपी में कोई रहेगा तो सिर्फ सिंधियाजी और उनका गुट रहेगा। क्योंकि उनकी आदत है अतिक्रमण और कब्जा करने की। जहां जाते हैं यही करते हैं लेकिन मैं बधाई देता हूं बीजेपी के उन नेताओं को जिन्होंने निरस्त आयोजन को फिर से करवाने के लिए सरकार को बाध्य किया।
अंततः फिर फायनल हुआ कार्यक्रम
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि ग्वालियर के लाड़ले सपूत और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिवस “ग्वालियर गौरव दिवस” के रूप में हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। इस कार्यक्रम में शिवराज सिंह चौहान शामिल होंगे। इस अवसर पर अटल सम्मान और ग्वालियर गौरव सम्मान प्रदान किए जाएंगे। गौरव दिवस के आयोजन में विश्व विख्यात सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खां साहब और उनके सुपुत्र जनाब अमान अली व अयान अली की प्रस्तुतितियां होगी। साथ ही भजन साम्राज्ञी अनुराधा पोडवाल और उनके साथ आ रहे सारेगामा फेम कलाकारों की प्रस्तुतितियां भी होंगी।
कवि सम्मेलन भी होगा
इस अवसर पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन भी होगा। समारोह में विख्यात राष्ट्रीय कवि हरिओम पवार को अटल सम्मान से अलंकृत किया जाएगा। साथ ही 5 विभिन्न विधाओं में ग्वालियर गौरव सम्मान प्रदान किए जाएंगे। अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में देश के प्रख्यात कवियों द्वारा काव्यपाठ किया जाएगा। कवि सम्मेलन में डॉ. हरिओम पवार मेरठ, विनीत चौहान अलवर, डॉ. प्रवीण शुक्ल दिल्ली, पूनम वर्मा मथुरा, दिनेश रघुवंशी फरीदाबाद, अंजुम रहबर भोपाल, दिनेश मिश्रा मुंबई, शशीकांत यादव देवास, मदनमोहन दानिश ग्वालियर और तेजनारायण बेचैन काव्यपाठ करेंगे।
ये अतिथि रहेंगे मौजूद
गौरव दिवस आयोजन में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केंद्रीय नागरिक उड्डयन व इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह और सांसद विवेक नारायण शेजवलकर सहित अन्य वरिष्ठ जनप्रतिनिधिगण भी शामिल होंगे।
डॉक्यूमेंट्री का होगा प्रदर्शन
कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बताया ग्वालियर गौरव दिवस के आयोजन में अटलजी और ग्वालियर पर केन्द्रित डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई जाएंगी। जिसमें अटलजी की गौरवमयी जीवनगाथा के साथ-साथ ग्वालियर के ऐतिहासिक वैभव और ग्वालियर के सुनियोजित विकास में जुड़ने जा रहे आयामों की जानकारी दिखाई जाएंगी।