ग्वालियर हाईकोर्ट बेंच का आदेश, गर्भवती महिला की संदिग्ध मौत की जांच CBI को सौंपी, डॉक्टर्स की भूमिका की भी जांच करने को कहा    

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Harmeet
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ग्वालियर हाईकोर्ट बेंच का आदेश, गर्भवती महिला की संदिग्ध मौत की जांच CBI को सौंपी, डॉक्टर्स की भूमिका की भी जांच करने को कहा    

देव श्रीमाली, GWALIOR. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक गर्भवती मौत की जांच के मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए मामले का अनुसंधान केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को सौंपने के आदेश दिए है। सीबीआई को कोर्ट ने कहा है कि वह मामले का सच जानने की कोशिश करें और कोर्ट समक्ष प्रस्तुत भी करें। 



क्या है पूरा मामला 



याचिकार्ता के एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया के अनुसार नीतू की शादी 31 मई 2022 को ध्रुव के साथ हुई थी। इसके बाद 15 अगस्त  को उनका अल्ट्रासाउंड करवाया गया था। रिपोर्ट में बताया गया कि उसे ढाई महीने का गर्भ ठहरा हुआ है। लेकिन दस अक्टूबर को अचानक संदिग्ध परिस्थितियों में उसकी मौत हो गई। ससुरालीजनों ने उसके परिजनों को बताया कि नीतू की मौत सांप के काटने के कारण हुई है, जबकि उसके पिता का आरोप है कि उसकी हत्या दहेज के लिए की गई है। उन्होंने इस बात की जानकारी पुलिस को भी दी। लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की। इसके बाद नीतू के परिजनों ने हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दायर की। 



मेडिकल अधिकारियों से भी कोर्ट नाखुश 



इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने गजराराजा मेडिकल कॉलेज के फोरेंसिक विभाग में पदस्थ डॉ. एमएल माहौर और डॉ. दिव्यांश सक्सेना की कार्यप्रणाली पर भी नाखुशी जाहिर की। सुनवाई के दौरान डॉ. सक्सेना कोर्ट में मौजूद रहे। उनसे कोर्ट ने कहा कि जब मामला स्नैक बाइट का था तो आपने स्किन का सैंपल लेकर फॉरेंसिक लैब में जांच के लिए क्यों नहीं भेजा? कोर्ट ने डॉक्टर से कहा कि वे सीबीआई से कुछ भी नहीं छुपाएं सारा सच सामने लाएं। अगर उनपर कोई दबाव है तो वह भी बताएं। 



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मामला सीबीआई को सौंपा 



सुनवाई के बाद पुलिस की कार्यवाही से कोर्ट असंतुष्ट दिखा। ग्वालियर खंडपीठ में जस्टिस अतुल श्रीधरन ने मृत युवती के पिता राम निवास सिंह गुर्जर की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसकी चार माह की गर्भवती बेटी की मौत की असल वजह पता करने का जिम्मा सीबीआई को सौंपने का फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि उनका ये मानना है कि इस मामले की अब तक जिस तरह से जांच  हुई है वह ठीक नहीं है और पुलिस इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती। जिन परिस्थितियों में मौत हुई है उन  परिस्थितियों में सीबीआई के द्वारा जांच कराने की आवश्यकता है, जो पूरी तरह से निष्पक्ष है और जिसे ऐसे केसों में पूरी तरह से निष्पक्ष जांच करने में महारत हासिल की है। 



डॉक्टर की भूमिका की भी जांच करने के निर्देश 



कोर्ट ने इस पूरे मामले की जांच करने के साथ ही सीबीआई को मृतका का पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करने वाले चिकित्सकों की भूमिका के सम्बन्ध में भी जांच करने के निर्देश दिए।


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