देव श्रीमाली, GWALIOR. हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ ने शिवपुरी के जिला कलेक्टर की कार्यशैली पर इतनी नाराजी जताई कि उन्हें ये तक कह दिया कि आप जिले के कलेक्टर हैं राजा नहीं है।
ये की टिप्पणी
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने शिवपुरी कलेक्टर के एक आदेश पर नियमों की अनदेखी पर नाराजगी जताते हुए फटकार लगाई है। कोर्ट ने नियमों की अनदेखी कर एक अप्राधिकृत अधिकारी को जिला संयोजक का प्रभार देने पर टिप्पणी की है कि आप कलेक्टर हैं, जिले के राजा नहीं। कोर्ट की टिप्पणी के बाद शिवपुरी कलेक्टर ने अपनी गलती मानते हुए अपने आदेश वापस लेने की बात कही है।
यह है पूरा मामला
यह मामला आदिम जाति कल्याण विभाग शिवपुरी से जुड़ा हुआ है। यहां आरएस परिहार जिला संयोजक के पद पर कार्यरत थे। उनका स्थानांतरण होने पर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने जिला संयोजक का प्रभार महावीर प्रसाद जैन को दे दिया। इस आदेश को चुनौती देते हुए राजकुमार सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। उनकी ओर से तर्क दिया गया था कि वे शिवपुरी जिले में सबसे वरिष्ठ क्षेत्र संयोजक हैं। ऐसे में प्रभार उन्हें दिया जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं करके नियमों की अवहेलना कर अपात्र व्यक्ति को जिला संयोजक बना दिया। हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कलेक्टर शिवपुरी को तलब किया था।
हाईकोर्ट को सन्तुष्ट नहीं कर सके कलेक्टर
सुनवाई के दौरान पहले कलेक्टर शिवपुरी ने अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट को संतुष्ट करने का प्रयास किया, लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए। दरअसल मध्य प्रदेश के हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने जिला संयोजक का प्रभार देने में नियमों की अनदेखी पर कड़ी नाराजगी जताई। हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच में हुई सुनवाई में कोर्ट ने शिवपुरी कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह से कहा- आप जिले के कलेक्टर हैं, जिले के राजा नहीं। लेकिन आप ने राजा की तरह कार्य किया।
कलेक्टर ने कहा वे ऑर्डर बदल देंगे
याचिकाकर्ता के एडवोकेट विवेक भार्गव ने बताया कि कोर्ट की नाराजी के बाद कलेक्टर ने तत्काल अपनी गलती मानते हुए कहा कि वे अपना आदेश वापस लेकर नया आदेश जारी कर देंगे। इसके बाद याचिका का निराकरण कर दिया।